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सेक्स के फायदे
यह तो हम सभी जानते हैं कि सेक्स न केवल आनंददायक और रिश्तों को मज़बूत बनाने वाला होता है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
QUICK BITES
- सेक्स कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
- सेक्स करने से प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) मज़बूत होता है।
- सुरक्षित सेक्स करने से ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है।
- सामान्य सर्दी जुकाम और दूसरे संक्रमणों से आपको सुरक्षा मिलती है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि सेक्स न केवल आनंददायक और रिश्तों को मज़बूत बनाने वाला होता है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन यह किस तरह से फायदेमंद है इसे जानना शायद आपके लिए आश्चर्य भरा हो सकता है। जो इसे नहीं समझते कि यह सम्पूर्ण जीवन तथा सम्बन्धों की गुणवत्ता के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है उनके लिए लैंगिक संभोग की क्रिया अभी भी बहुत लोगों के लिए परेशानी और घृणा का विषय होती है। निम्न कुछ बाते अच्छे सेक्स सम्बन्धों को काफी फायदे पहुंचाता है।
सेक्स निम्न रक्त चाप में मस्तिष्क और शरीर का तनाव घटाने में मदद करता है। नियमित सेक्स करने से आपका शरीर तनावपूर्ण दशाओं का बेहतर सामना करने के लिए तैयार होता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने नहीं देता। तनाव का सामना करने के लिए सेक्स क्रिया का प्रवेश (योनि में लिंग का प्रवेश) होना ज़रूरी नहीं है दूसरी सेक्स गतिविधियाँ जैसे आलिंगन और अंतरंग गर्माहट के पल भी मददगार हो सकते हैं। सेक्स के दूसरे रूपों के बजाय प्रवेश्न सेक्स अधिक रिलैक्स करने वाला और तनाव दूर करने वाला होता है। मानवीय शरीर का निकट स्पर्श बहुत आरामदायक होता है जो सुरक्षा की अनुभूति कराता है। इससे आपको रोजमर्रा के जीवन में स्थितियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिलती है।
सेक्स निम्न रक्त चाप में मस्तिष्क और शरीर का तनाव घटाने में मदद करता है। नियमित सेक्स करने से आपका शरीर तनावपूर्ण दशाओं का बेहतर सामना करने के लिए तैयार होता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने नहीं देता। तनाव का सामना करने के लिए सेक्स क्रिया का प्रवेश (योनि में लिंग का प्रवेश) होना ज़रूरी नहीं है दूसरी सेक्स गतिविधियाँ जैसे आलिंगन और अंतरंग गर्माहट के पल भी मददगार हो सकते हैं। सेक्स के दूसरे रूपों के बजाय प्रवेश्न सेक्स अधिक रिलैक्स करने वाला और तनाव दूर करने वाला होता है। मानवीय शरीर का निकट स्पर्श बहुत आरामदायक होता है जो सुरक्षा की अनुभूति कराता है। इससे आपको रोजमर्रा के जीवन में स्थितियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिलती है।
सेक्स एक व्यायाम के रूप में
सेक्स एक बेहतरीन व्यायाम की तरह आपके लिए लाभदायक है क्योंकि सेक्स के दौरान आपके शरीर की सभी मांसपेशियां खिंचती और खुलती हैं। सेक्स आपकी अतिरिक्त कैलोरी जलाने में भी मदद करता है और यह व्यायाम करने का सबसे आनंददायक तरीका है। पूरी क्षमता से की गई एक बार सेक्स क्रिया से उतनी कैलोरी जल जाती है जितनी कैलोरी पन्द्रह मिनटों तक ट्रेड मिल पर ब्रिस्क वॉक करने पर खर्च होगी।
सेक्स एक बेहतरीन व्यायाम की तरह आपके लिए लाभदायक है क्योंकि सेक्स के दौरान आपके शरीर की सभी मांसपेशियां खिंचती और खुलती हैं। सेक्स आपकी अतिरिक्त कैलोरी जलाने में भी मदद करता है और यह व्यायाम करने का सबसे आनंददायक तरीका है। पूरी क्षमता से की गई एक बार सेक्स क्रिया से उतनी कैलोरी जल जाती है जितनी कैलोरी पन्द्रह मिनटों तक ट्रेड मिल पर ब्रिस्क वॉक करने पर खर्च होगी।
सेक्स हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
सेक्स रक्त संचार सुधारता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक करता है। सेक्स क्रिया के दौरान हृदय तेज गति से धड़कता है और ज़्यादा मात्रा में रक्त को पम्प करता है जिससे रक्त संचार तेज होता है। सप्ताह में एक बार सेक्स़ करने से आपके लिए हृदयाघात (हार्ट अटैक) से पीड़ित होने का खतरा कम हो जाता है।
सेक्स रक्त संचार सुधारता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक करता है। सेक्स क्रिया के दौरान हृदय तेज गति से धड़कता है और ज़्यादा मात्रा में रक्त को पम्प करता है जिससे रक्त संचार तेज होता है। सप्ताह में एक बार सेक्स़ करने से आपके लिए हृदयाघात (हार्ट अटैक) से पीड़ित होने का खतरा कम हो जाता है।
सैक्स फीलगुड का अहसास कराए
सेक्स सामान्य तंदुरूस्ती को बढ़ाता है और आपके आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ा देता है। निरर्थक सेक्स प्यार भरे सेक्स की तरह कारगर नहीं होता। अध्ययनों से पता चला है कि शादीशुदा या एक दूसरे के प्रति वफादार जोड़े बेहतर संतुष्ट जीवन बिताते हैं। आपसी वफादारी और घनिष्ठता से आपको भावनात्मक सुरक्षा का अहसास होता है और आंतरिक खुशियां मिलती हैं। प्यार भरे इन क्षणों के दौरान आपको अपने साथी के लिए प्यार और महत्वपूर्ण होने का अहसास आपकी आत्म-प्रतिष्ठा को भी बढ़ा देता है।
सेक्स सामान्य तंदुरूस्ती को बढ़ाता है और आपके आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ा देता है। निरर्थक सेक्स प्यार भरे सेक्स की तरह कारगर नहीं होता। अध्ययनों से पता चला है कि शादीशुदा या एक दूसरे के प्रति वफादार जोड़े बेहतर संतुष्ट जीवन बिताते हैं। आपसी वफादारी और घनिष्ठता से आपको भावनात्मक सुरक्षा का अहसास होता है और आंतरिक खुशियां मिलती हैं। प्यार भरे इन क्षणों के दौरान आपको अपने साथी के लिए प्यार और महत्वपूर्ण होने का अहसास आपकी आत्म-प्रतिष्ठा को भी बढ़ा देता है।
सेक्स-एक रिश्ते मज़बूत बनाने वाला अनुभव
आपको प्यार करने वाले जोड़ीदार (पार्टनर) की निकटता और चरमसुख की ओर बढ़ने का आनंद दोनों मिलकर "प्यार के हॉर्मोन" ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ा देते हैं जिससे आपसी सम्बन्ध और रिश्ते मज़बूत होते हैं। अच्छे सेक्स से लम्बे समय के रिश्तों में महबूती आती हैं ।
आपको प्यार करने वाले जोड़ीदार (पार्टनर) की निकटता और चरमसुख की ओर बढ़ने का आनंद दोनों मिलकर "प्यार के हॉर्मोन" ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ा देते हैं जिससे आपसी सम्बन्ध और रिश्ते मज़बूत होते हैं। अच्छे सेक्स से लम्बे समय के रिश्तों में महबूती आती हैं ।
सेक्स जो प्रतिरोधी क्षमता मज़बूत करे
सेक्स आपके प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मज़बूत करके आपको संक्रमणों और बीमारियों से बचाए रख सकता है। एक सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करने से सामान्य सर्दी जुकाम और दूसरे संक्रमणों से आपको सुरक्षा मिलती है।
सेक्स आपके प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मज़बूत करके आपको संक्रमणों और बीमारियों से बचाए रख सकता है। एक सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करने से सामान्य सर्दी जुकाम और दूसरे संक्रमणों से आपको सुरक्षा मिलती है।
सेक्स दर्दनिवारक (पेनकिलर) के रूप में
सेक्स ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप एंडॉर्फिन्सक या "हैप्पी हॉर्मोन" रिलीज होता है। एंडॉर्फिन्सक दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार है जिससे सिरदर्द, जोड़ों के दर्द और यहां तक कि मासिक पूर्व लक्षणों में भी राहत मिलती है।
सेक्स ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप एंडॉर्फिन्सक या "हैप्पी हॉर्मोन" रिलीज होता है। एंडॉर्फिन्सक दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार है जिससे सिरदर्द, जोड़ों के दर्द और यहां तक कि मासिक पूर्व लक्षणों में भी राहत मिलती है।
सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के खास टिप्स
सेक्स को स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि सेक्स संबंध में खटास को दूर करता है। आइए जानें बेहतर सेक्स लाइफ के टिप्स।
QUICK BITES
- सेक्स करने से पहले ओरल सेक्स करना बेहतर।
- आना चाहिए सेक्स लाइफ को कैसे बेहतर एन्जॉय करना।
- सेक्स से पहले फोरप्ले किये जाने से सेक्स होता है सफल।
- आपसी प्यार और रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी है सेक्स।
सेक्स को स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। लेकिन जरूरी है कि सेक्स का आनंद लेने के लिए उसके बारे में सही तरीका पता हो। सेक्स के सिंपल टिप्स अपनाकर आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। आइए जानें बेहतर सेक्स लाइफ के टिप्स।
- सेक्स करने से पहले ओरल सेक्स करना बेहतर रहता है। यह सेक्स क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आप सेक्स का आनंद अच्छे से उठा सकते हैं।
- महिलाएं अकसर सेक्स के लिए पहल करने से हिचकिचाती है लेकिन उनके द्वारा उठाया गया ये कदम बेहतर सेक्स लाइफ के लिए जरूरी है।
- महिला हो या पुरूष उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि उन्हें किन चीजों से खुशी मिलती है और वह सेक्स लाइफ को कैसे बेहतर एन्जॉंय कर सकती हैं।
- जरूरी नहीं कि एकदम से बिना योजना बनाएं आपका साथी सेक्स के लिए तैयार हो जाएं इसके लिए आपको उसे राजी करना होगा और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे वह खुद-ब-खुद आपको सेक्स के लिए कहें।
- सेक्स का आनंद उठाने के लिए जरूरी है कि सेक्स से पहले फोरप्ले किया जाए।
- आपसी प्यार और रिश्ते की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है आपसी बातचीत। इससे सेक्स लाइफ में भी आप एन्जॉय भी कर सकते हैं और अपने साथी को अपने करीब भी पा सकते हैं।
- अच्छी सेक्स लाइफ के लिए आपका स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है, इसके लिए महत्वपूर्ण अच्छा खान-पान, व्यायाम, भरपूर नींद।
सेक्स के इन सिंपल टिप्स को अपनाकर न सिर्फ आप आपसी संबंधों में खटास को दूर कर सकते हैं बल्कि सेक्स का आनंद भी उठा सकते हैं।
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- सेक्स करने से पहले ओरल सेक्स करना बेहतर रहता है। यह सेक्स क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आप सेक्स का आनंद अच्छे से उठा सकते हैं।
- महिलाएं अकसर सेक्स के लिए पहल करने से हिचकिचाती है लेकिन उनके द्वारा उठाया गया ये कदम बेहतर सेक्स लाइफ के लिए जरूरी है।
- महिला हो या पुरूष उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि उन्हें किन चीजों से खुशी मिलती है और वह सेक्स लाइफ को कैसे बेहतर एन्जॉंय कर सकती हैं।
- जरूरी नहीं कि एकदम से बिना योजना बनाएं आपका साथी सेक्स के लिए तैयार हो जाएं इसके लिए आपको उसे राजी करना होगा और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे वह खुद-ब-खुद आपको सेक्स के लिए कहें।
- सेक्स का आनंद उठाने के लिए जरूरी है कि सेक्स से पहले फोरप्ले किया जाए।
- आपसी प्यार और रिश्ते की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है आपसी बातचीत। इससे सेक्स लाइफ में भी आप एन्जॉय भी कर सकते हैं और अपने साथी को अपने करीब भी पा सकते हैं।
- अच्छी सेक्स लाइफ के लिए आपका स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है, इसके लिए महत्वपूर्ण अच्छा खान-पान, व्यायाम, भरपूर नींद।
सेक्स के इन सिंपल टिप्स को अपनाकर न सिर्फ आप आपसी संबंधों में खटास को दूर कर सकते हैं बल्कि सेक्स का आनंद भी उठा सकते हैं।
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गर्भवती के लिए सेक्स की सबसे बेस्ट पॉजिशन
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कपल्स को लगता है कि सेक्स करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो यहां दी कुछ सेक्स पॉजिशन को अपनाकर आप सेक्स का पूरा मजा ले सकते हैं।
QUICK BITES
- सेक्स करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा।
- कुछ पॉजिशन शिशु और मां के लिए सुरक्षित।
- वुमन ऑन टॉप पॉजिशन से लें सेक्स का आनंद।
- गर्भावस्था में स्पूनिंग पॉजिशन सबसे सेफ माना जाती है।
गर्भवती होने के बाद ज्यादातर महिलाओं की कोशिश होती है कि वह अपने पति से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि उनको लगता है कि गर्भावस्था में सेक्स करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से वाक्य में बच्चे पर असर पड़ता है? क्या 9 महीने तक सेक्स बिल्कुल नहीं करना चाहिए? अगर आप भी इन सवालों के जबाव ढूंढ रहे हैं तो यह आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को संभोग के लिए सख्ती से मना तभी करते हैं, जब बच्चे में किसी प्रकार के कॉम्प्लीकेशन हों। यदि बच्चे की ग्रोथ अच्छी है, तो तीन महीने पूरे होने पर सेक्स किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान आप पूरी तरह से सेक्स का आनंद ले सकते हैं सिर्फ जरूरत है कुछ एहतियात बरतने की। उसका ध्यान पति को ज्यादा रखना पड़ता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अधिकांश महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा तीव्र होती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान सेक्स करते समय पॉजिशन का ध्यान रखना जरूरी होता है। कुछ सेक्स पोजीशन ऐसी हैं, जो शिशु और मां दोनों के लिए सुरक्षित होता है। आइए ऐसे की कुछ पॉजिशन के बारे में जानते हैं
गर्भवती होने के बाद ज्यादातर महिलाओं की कोशिश होती है कि वह अपने पति से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि उनको लगता है कि गर्भावस्था में सेक्स करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से वाक्य में बच्चे पर असर पड़ता है? क्या 9 महीने तक सेक्स बिल्कुल नहीं करना चाहिए? अगर आप भी इन सवालों के जबाव ढूंढ रहे हैं तो यह आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
वुमन ऑन टॉप पॉजिशन
गर्भावस्था के दौरान इस पॉजिशन से सेक्स का आनंद उठाया जा सकता है। इस पॉजिशन में महिला पुरुष के ऊपर होती है, जिससे पेट पर किसी तरह का दबाव पड़ने का डर नहीं रहता है और महिला अपने गर्भ के शिशु की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रख सकती है। लेकिन ऐसी अवस्था में किस लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि किस लेते समय महिला का पेट दब सकता है।
गर्भावस्था के दौरान इस पॉजिशन से सेक्स का आनंद उठाया जा सकता है। इस पॉजिशन में महिला पुरुष के ऊपर होती है, जिससे पेट पर किसी तरह का दबाव पड़ने का डर नहीं रहता है और महिला अपने गर्भ के शिशु की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रख सकती है। लेकिन ऐसी अवस्था में किस लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि किस लेते समय महिला का पेट दब सकता है।
एज ऑफ द बेड पॉजिशन
इस पॉजिशन में महिला बिस्तर के किनारे पैरों को नीचे करके लेटती हैं और पुरूष घुटनों के बल बिस्तर के किनारे बैठता है। मां और शिशु को हानि पहुंचने का खतरा भी न के बराबर होता है। या पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि पर बैठे। उसके ऊपर महिला बैठ जाए और संभोग कर सेफ सेक्स किया जा सकता है।
इस पॉजिशन में महिला बिस्तर के किनारे पैरों को नीचे करके लेटती हैं और पुरूष घुटनों के बल बिस्तर के किनारे बैठता है। मां और शिशु को हानि पहुंचने का खतरा भी न के बराबर होता है। या पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि पर बैठे। उसके ऊपर महिला बैठ जाए और संभोग कर सेफ सेक्स किया जा सकता है।
रिवर्स काउगर्ल पॉजिशन
रिवर्स काउगर्ल उन कपल्स के लिए अच्छा है जो पुरूष अपने साथी के पेट को देखकर चितिंत होने के कारण सेक्स करने से डरते हैं। यह वुमन ऑन टॉप की ही तरह होता है फर्क सिर्फ इतना है कि इस सेक्स पॉजिशन में महिला पुरूष के दूसरे तरफ मुंह करके बैठती है।
रिवर्स काउगर्ल उन कपल्स के लिए अच्छा है जो पुरूष अपने साथी के पेट को देखकर चितिंत होने के कारण सेक्स करने से डरते हैं। यह वुमन ऑन टॉप की ही तरह होता है फर्क सिर्फ इतना है कि इस सेक्स पॉजिशन में महिला पुरूष के दूसरे तरफ मुंह करके बैठती है।
स्पूनिंग पॉजिशन
गर्भावस्था में सेक्स की यह सबसे सुरक्षित पॉजिशन माना जाती है। इस पोजिशन में जिसप्रकार चम्मच एक साथ रखा रहता है उसी तरह दोनों साथी सेक्स अवस्था में होते हैं। इस पोजिशन में दोनों सेक्स का पूरा आनंद सुरक्षा को ध्यान में रख कर उठा सकते हैं। इसमें पुरूष महिला के नीचे होता है और महिला के आराम को ध्यान में रख कर पूरा आनंद उठा पाता है।
गर्भावस्था में सेक्स की यह सबसे सुरक्षित पॉजिशन माना जाती है। इस पोजिशन में जिसप्रकार चम्मच एक साथ रखा रहता है उसी तरह दोनों साथी सेक्स अवस्था में होते हैं। इस पोजिशन में दोनों सेक्स का पूरा आनंद सुरक्षा को ध्यान में रख कर उठा सकते हैं। इसमें पुरूष महिला के नीचे होता है और महिला के आराम को ध्यान में रख कर पूरा आनंद उठा पाता है।
अन्य पॉजिशन
- इस पॉजिशन में महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाती है और पुरूष पीछे लेटकर सेक्स की क्रिया करता है। इससे भी गर्भ पर असर नहीं पड़ता। इस पॉजिशन की खास बात यह है कि आप इस पॉजिशन में सेक्स आठवें व नवें महीने तक किया जा सकता है।
- इस पॉजिशन में महिला पीठ के बल टखने मोड़कर लेट जाती है और अपनी टांगें पुरूष के कंधे पर रखकर सेक्स करती है। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता।
- इस पॉजिशन में पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख देती। इस अवस्था में सेक्स करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। हालांकि सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।
गवस्था में सेक्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखें, नहीं तो एलर्जी या संक्रमण होने का भय रहता है।
- इस पॉजिशन में महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाती है और पुरूष पीछे लेटकर सेक्स की क्रिया करता है। इससे भी गर्भ पर असर नहीं पड़ता। इस पॉजिशन की खास बात यह है कि आप इस पॉजिशन में सेक्स आठवें व नवें महीने तक किया जा सकता है।
- इस पॉजिशन में महिला पीठ के बल टखने मोड़कर लेट जाती है और अपनी टांगें पुरूष के कंधे पर रखकर सेक्स करती है। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता।
- इस पॉजिशन में पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख देती। इस अवस्था में सेक्स करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। हालांकि सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।
गवस्था में सेक्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखें, नहीं तो एलर्जी या संक्रमण होने का भय रहता है।
जानें कैसे विपरीत लिंग को आकर्षित करती है देह गंध
शरीर की गंध पढ़ने में पसीने की बदबू आने जैसी लगती है पर यहां हम बात कर रहें है शरीर से निकलने वाली प्राकृतिक गंध की जो विपरीत लिंग को आपकी तरफ आकर्षित कर देती है।
QUICK BITES
- मानव शरीर में होती है अपनी एक प्राक़तिक गंध।
- पुरूषों मे एंड्रोस्टेडिनॉन रसायन आकर्षित करता है।
- महिलाओं में इस रसायन का नाम एस्ट्राटेट्रेनॉल है।
- हालांकि इस शोध पर अभी एक राय नहीं है।
क्या आप जानते है कि शरीर की अपनी एक प्राक़तिक गंध होती है। जिसको परफ्यूम या पसीने से नहीं छुपाया जा सकता है। इसी गंध की मदद से एक इंसान, दूसरे इंसान के आसपास होने को भांप लेता है। इस बात की पुष्टि यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के वैज्ञानिकों वे स्वयं की है। उनके अनुसार इंसान सचमुच विपरीत लिंग के सदस्य की मौजूदगी गंध से पहचानते हैं।
- जवानी में जीवधारियों के शरीर में ऐसे स्नव निकलते हैं जो बाद में बनते ही नहीं हैं। यह शरीर में समाई अतिरिक्त ऊर्जा, उत्साह और कई नई शारीरिक क्रियाओं की देन होती है। मानव के अलावा अन्य जीवों में तो यह गंध विपरीत लिंग को आकर्षित करने के लिए खासतौर से निकलती है।
- शोध के दौरान उन मांओं को चुना गया जिनका कुछ ही समय पहला प्रसव हुआ हो। उनके सामने नन्हे बच्चों के कुछ कपड़े लाकर रख दिए गए, इससे पहले उन्हें उनके खुद के ही बच्चे के कपड़े की गंध सुंघाई गई। बाद में कई सारे कपड़ों में से उन्हें अपने बच्चे की गंध वाला कपड़ा बिना देखे सूंघकर पहचानना था।
- इस गंध के नथुने में पहुंचते ही महिलाओं को अजब अनुभूति होती है। कई महिलाओं में रोमांच यहां तक हो गया कि उनके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए। कुछ का शरीर ही कंपन में आ गया और उनकी बांहें अपने बच्चे को लेने के लिए मचल उठीं।
इन फैरोमॉन रसायनों की उपस्थिति साबित हो चुकी है, लेकिन इंसानों में इसकी मौजूदगी पर एक राय नहीं है और अब तक उनकी मौजूदगी वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हो पाई है।
क्या आप जानते है कि शरीर की अपनी एक प्राक़तिक गंध होती है। जिसको परफ्यूम या पसीने से नहीं छुपाया जा सकता है। इसी गंध की मदद से एक इंसान, दूसरे इंसान के आसपास होने को भांप लेता है। इस बात की पुष्टि यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के वैज्ञानिकों वे स्वयं की है। उनके अनुसार इंसान सचमुच विपरीत लिंग के सदस्य की मौजूदगी गंध से पहचानते हैं।
- जवानी में जीवधारियों के शरीर में ऐसे स्नव निकलते हैं जो बाद में बनते ही नहीं हैं। यह शरीर में समाई अतिरिक्त ऊर्जा, उत्साह और कई नई शारीरिक क्रियाओं की देन होती है। मानव के अलावा अन्य जीवों में तो यह गंध विपरीत लिंग को आकर्षित करने के लिए खासतौर से निकलती है।
- शोध के दौरान उन मांओं को चुना गया जिनका कुछ ही समय पहला प्रसव हुआ हो। उनके सामने नन्हे बच्चों के कुछ कपड़े लाकर रख दिए गए, इससे पहले उन्हें उनके खुद के ही बच्चे के कपड़े की गंध सुंघाई गई। बाद में कई सारे कपड़ों में से उन्हें अपने बच्चे की गंध वाला कपड़ा बिना देखे सूंघकर पहचानना था।
- इस गंध के नथुने में पहुंचते ही महिलाओं को अजब अनुभूति होती है। कई महिलाओं में रोमांच यहां तक हो गया कि उनके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए। कुछ का शरीर ही कंपन में आ गया और उनकी बांहें अपने बच्चे को लेने के लिए मचल उठीं।
इन फैरोमॉन रसायनों की उपस्थिति साबित हो चुकी है, लेकिन इंसानों में इसकी मौजूदगी पर एक राय नहीं है और अब तक उनकी मौजूदगी वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हो पाई है।
जानें कैसे इलाइची बढ़ा सकती है सेक्स पावर
यौन क्षमता का बेहतर होना दाम्पत्य जीवन का न सिर्फ पूर्ण करता है, बल्कि प्रेम की भावना को और भी मजबूत करता है। क्या आप जानते हैं कि इलाइची भी सेक्स पावर बढ़ा सकती है।
QUICK BITES
- भारतीय मसाले में कीमती और मसालों की महारानी है इलाइची।
- इलायची को वाजीकरण नुस्खे की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है।
- असमय स्खलन व नपुंसकता की समस्या को दूर करती है इलाइची।
- इलाइची के नियमित सेवन से यौन क्षमता में इज़ाफा होता है।
यौन क्षमता का बेहतर होना दाम्पत्य जीवन का न सिर्फ पूर्ण करता है, बल्कि प्रेम की भावना को और भी मजबूत करता है। इसे बेहतर करने के लिये सही खानपान व नियमित व्यायाम बेहद जरूरी होता है। लेकिन इसके अलावा भी प्रकृति में भी ऐसी कई चीजें हैं जिनके सेवन ये यौन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कमाल की बात तो यह कि ये गुणकारी चीजें आराम से मिल सकती हैं और इनका प्रयोग भी आसान होता है। इसमें से एक चीज़ है, इलाइची! चलिये जानें इलाइची कैसे यौन क्षमता बढ़ाने में मददगार होती है। -
यौन क्षमता का बेहतर होना दाम्पत्य जीवन का न सिर्फ पूर्ण करता है, बल्कि प्रेम की भावना को और भी मजबूत करता है। इसे बेहतर करने के लिये सही खानपान व नियमित व्यायाम बेहद जरूरी होता है। लेकिन इसके अलावा भी प्रकृति में भी ऐसी कई चीजें हैं जिनके सेवन ये यौन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कमाल की बात तो यह कि ये गुणकारी चीजें आराम से मिल सकती हैं और इनका प्रयोग भी आसान होता है। इसमें से एक चीज़ है, इलाइची! चलिये जानें इलाइची कैसे यौन क्षमता बढ़ाने में मददगार होती है। -
कैसे करती है ये फायदा
भारतीय मसाले में कीमती और मसालों की महारानी कही जाने वली इलायची के इस्तेमाल से कामेच्छा को बढ़ाया जा सकता है। इलायची का सेवन आमतौर पर सांस और मुंह को साफ रखने के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है, हरी या छोटी इलायची व बड़ी इलायची।
इलायची को वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इलायची एक ऐसे टॉनिक के रूप में भी काम करती है जिससे कामोत्तेजना में वृद्धी होती है। यह शरीर को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ असमय स्खलन व नपुंसकता की समस्या से भी मुक्त कराने में सहायक होती है। इसका सेवन करने के लिये दूध में इलायची डालकर उबालें। ठीक से उबल जाने के बाद इसमे थोड़ा शहद मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय इसका सेवन करें। इसके नियमित सेवन से यौन क्षमता में इज़ाफा होता है और दामपत्य जीवन सुखमय बनता है।
इसका अलावा मुंह में छाले की समस्या को दूर करने के लिये बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जीभ पर रखने से छाले दूर होते हैं। लेकिन रात के समय इलायची न खायें, इससे खट्टी उकारें आने की शिकायद हो सकती है। साथ ही महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसके अधिक सेवन से महिलाओं में गर्भपात होने की भी संभावना होती है।
भारतीय मसाले में कीमती और मसालों की महारानी कही जाने वली इलायची के इस्तेमाल से कामेच्छा को बढ़ाया जा सकता है। इलायची का सेवन आमतौर पर सांस और मुंह को साफ रखने के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है, हरी या छोटी इलायची व बड़ी इलायची।
इलायची को वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इलायची एक ऐसे टॉनिक के रूप में भी काम करती है जिससे कामोत्तेजना में वृद्धी होती है। यह शरीर को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ असमय स्खलन व नपुंसकता की समस्या से भी मुक्त कराने में सहायक होती है। इसका सेवन करने के लिये दूध में इलायची डालकर उबालें। ठीक से उबल जाने के बाद इसमे थोड़ा शहद मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय इसका सेवन करें। इसके नियमित सेवन से यौन क्षमता में इज़ाफा होता है और दामपत्य जीवन सुखमय बनता है।
इसका अलावा मुंह में छाले की समस्या को दूर करने के लिये बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जीभ पर रखने से छाले दूर होते हैं। लेकिन रात के समय इलायची न खायें, इससे खट्टी उकारें आने की शिकायद हो सकती है। साथ ही महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसके अधिक सेवन से महिलाओं में गर्भपात होने की भी संभावना होती है।
इसका अलावा मुंह में छाले की समस्या को दूर करने के लिये बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जीभ पर रखने से छाले दूर होते हैं। लेकिन रात के समय इलायची न खायें, इससे खट्टी उकारें आने की शिकायद हो सकती है। साथ ही महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसके अधिक सेवन से महिलाओं में गर्भपात होने की भी संभावना होती है।
चाहकर सेक्स करने के बाद भी क्यों उदास हो जाती है महिलाएं
सहमति से सेक्स करने के बाद भी महिलाओं में उदासी की भावना आ जाती है। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें ऐसा क्यों होता है।
QUICK BITES
- शारीरिक के साथ मानसिक खुशी मिलती है।
- महिलाओं में उदासी का भाव आ जाता है।
- यह एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या है।
- पार्टनर के साथ वक्त गुजारना भी जरूरी है।
सेक्स से शारीरिक के साथ मानसिक खुशी मिलती है। इससे एक आनन्ददायक अनुभूति भी होती है। सेक्स से न सिर्फ रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहमति से सेक्स करने के बाद भी महिलाओं में उदासी की भावना आ जाती है। यह बात हाल में हुए एक शोध से पता चली है।
सेक्स से शारीरिक के साथ मानसिक खुशी मिलती है। इससे एक आनन्ददायक अनुभूति भी होती है। सेक्स से न सिर्फ रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहमति से सेक्स करने के बाद भी महिलाओं में उदासी की भावना आ जाती है। यह बात हाल में हुए एक शोध से पता चली है।
सेक्स के बाद महिलाओं में उदासी
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, सेक्स के दौरान चरमसुख, अत्यधिक आनंद की अनुभूति के साथ उदासी भी एक प्रकार की भावनात्मक अभिव्यक्ति है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सहमति से सेक्स के बाद भी बहुत सी महिलाएं उदासी का भाव पैदा हो जाता है जो कि एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, सेक्स के दौरान चरमसुख, अत्यधिक आनंद की अनुभूति के साथ उदासी भी एक प्रकार की भावनात्मक अभिव्यक्ति है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सहमति से सेक्स के बाद भी बहुत सी महिलाएं उदासी का भाव पैदा हो जाता है जो कि एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या है।
क्या कहता है शोध
230 महिलाओं पर किए गए शोध में पता चला है कि महिलाओं ने सेक्स के बाद तनाव और उदासी महसूस की। कई महिलाएं तो सेक्स के बाद रोती भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार 5 प्रतिशत महिलाओं ने ऐसे लक्षणों को बीते चार हफ्तों में महसूस किया जबकि 46 प्रतिशत महिलाओं ने इसे जिंदगी में कम से एक बार महसूस किया।
शोधकर्ता ने इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी देते हुए बताया है कि एक महिला ने हमें लिखा कि उसकी शादी को 20 साल हो गए हैं और वह सेक्स के बाद अमूमन वॉशरूम में जाकर रोती है। रिपोर्ट कहती है कि यह ज्यादातर महिलाओं के साथ है, किसी के साथ कम तो किसी के साथ थोड़ा ज्यादा।
ऐसे में सेक्स के बाद अपनी पार्टनर का सही से ध्यान देना चाहिए। जीं हां इंटरकोर्स से पहले फोरप्ले जितना जरूरी है उतना ही इंटरकोर्स के बाद अपनी पार्टनर के साथ वक्त गुजारना भी जरूरी है।
230 महिलाओं पर किए गए शोध में पता चला है कि महिलाओं ने सेक्स के बाद तनाव और उदासी महसूस की। कई महिलाएं तो सेक्स के बाद रोती भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार 5 प्रतिशत महिलाओं ने ऐसे लक्षणों को बीते चार हफ्तों में महसूस किया जबकि 46 प्रतिशत महिलाओं ने इसे जिंदगी में कम से एक बार महसूस किया।
शोधकर्ता ने इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी देते हुए बताया है कि एक महिला ने हमें लिखा कि उसकी शादी को 20 साल हो गए हैं और वह सेक्स के बाद अमूमन वॉशरूम में जाकर रोती है। रिपोर्ट कहती है कि यह ज्यादातर महिलाओं के साथ है, किसी के साथ कम तो किसी के साथ थोड़ा ज्यादा।
ऐसे में सेक्स के बाद अपनी पार्टनर का सही से ध्यान देना चाहिए। जीं हां इंटरकोर्स से पहले फोरप्ले जितना जरूरी है उतना ही इंटरकोर्स के बाद अपनी पार्टनर के साथ वक्त गुजारना भी जरूरी है।
एक्सीडेंटल आर्गेज्म से जुड़े तथ्यों को जानें
आकस्मिक आर्गेज्म कहीं भी, कभी भी हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि यदि आप इस बारे में सोच रही हैं तो फिर वह एक्सीडेंटल यानी आकस्मक नहीं रह जाएगा। है न! खैर आइये इससे जुड़े कुछ तथ्यों पर नजर दौड़ाते हैं।
QUICK BITES
- आकस्मिक आर्गेज्म कहीं भी, कभी भी हो सकता है।
- बाइक या स्कूटी चलाते हुए घर्षण महसूस करती है।
- महिला सेक्स की सोच से उत्तेजित होने लगती है।
- दिमाग स्थिर न होने पर भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म होता है।
आकस्मिक आर्गेज्म बोलते ही आपकी जुबान पर हंसी खिल उठेगी लेकिन इस सच्चाई पर आपको भरोसा नहीं होगा। असल में ज्यादातर महिलाएं मानती हैं कि महिलाओं को आकस्मिक आर्गेज्म नहीं हो सकता है। जबकि तथ्य इसके उलट है। हालांकि यह सही नहीं होगा कि आप आकस्मिक आर्गेज्म का इंतजार कर रही हैं और अचानक ऐसा हो जाए। आकस्मिक आर्गेज्म कहीं भी, कभी भी हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि यदि आप इस बारे में सोच रही हैं तो फिर वह एक्सीडेंटल यानी आकस्मक नहीं रह जाएगा। है न! खैर आइये इससे जुड़े कुछ तथ्यों पर नजर दौड़ाते हैं।
आकस्मिक आर्गेज्म बोलते ही आपकी जुबान पर हंसी खिल उठेगी लेकिन इस सच्चाई पर आपको भरोसा नहीं होगा। असल में ज्यादातर महिलाएं मानती हैं कि महिलाओं को आकस्मिक आर्गेज्म नहीं हो सकता है। जबकि तथ्य इसके उलट है। हालांकि यह सही नहीं होगा कि आप आकस्मिक आर्गेज्म का इंतजार कर रही हैं और अचानक ऐसा हो जाए। आकस्मिक आर्गेज्म कहीं भी, कभी भी हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि यदि आप इस बारे में सोच रही हैं तो फिर वह एक्सीडेंटल यानी आकस्मक नहीं रह जाएगा। है न! खैर आइये इससे जुड़े कुछ तथ्यों पर नजर दौड़ाते हैं।
एक्सीडेंटल आर्गेज्म कैसे होता है
एक्सीडेंट आर्गेज्म दो तरीकों से हो सकता है। पहला शारीरिक एक्सपोज़र होने से। मतलब यह कि महिलाओं के विशेषांगों में किसी तरह का घर्षण हो। अन्य तरीका है भावनात्मक। यदि महिला शारीरिक सम्बंध या सेक्स के विषय में गहराई से सोचती है तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
एक्सीडेंट आर्गेज्म दो तरीकों से हो सकता है। पहला शारीरिक एक्सपोज़र होने से। मतलब यह कि महिलाओं के विशेषांगों में किसी तरह का घर्षण हो। अन्य तरीका है भावनात्मक। यदि महिला शारीरिक सम्बंध या सेक्स के विषय में गहराई से सोचती है तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
क्या सभी महिलाओं को एक्सीडेंटल आर्गेज्म होता है
प्रत्येक महिला में चरमानंद स्थिति में पहुंचने के लिए अलग अलग रास्ते होते हैं। कोई शारीरिक, कोई मानसिक तो कोई भावनात्मक राह से होकर चरमानंद तक पहुचंती है। अतः ऐसा कहना कि सभी महिला एक्सीडेंटल आर्गेज्म तक पहुंचती हैं, थोड़ा मुश्किल होगा। असल में यह प्रत्येक महिला की अपनी अपनी सोच है। संभवतः सभी महिलाएं ऐसी स्थिति से गुजर सकती हैं बशर्ते उनका सेक्स के प्रति चाह उग्र हो।
प्रत्येक महिला में चरमानंद स्थिति में पहुंचने के लिए अलग अलग रास्ते होते हैं। कोई शारीरिक, कोई मानसिक तो कोई भावनात्मक राह से होकर चरमानंद तक पहुचंती है। अतः ऐसा कहना कि सभी महिला एक्सीडेंटल आर्गेज्म तक पहुंचती हैं, थोड़ा मुश्किल होगा। असल में यह प्रत्येक महिला की अपनी अपनी सोच है। संभवतः सभी महिलाएं ऐसी स्थिति से गुजर सकती हैं बशर्ते उनका सेक्स के प्रति चाह उग्र हो।
एक्सीडेंटल आर्गेज्म की वजहें:
विशेषांग के अकस्मात घर्षण से - यदि महिला विशेष ने कोई ऐसी पोषाक पहन रखी है जिसके पहन चलने से शरीर के गुप्तांग में घर्षण हो या फिर महिला बाइक या स्कूटी चलाते हुए घर्षण महसूस करती है तो एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
तेज चलने से - महिला विशेष यदि किसी भी तरह से सेक्स से जुड़ाव महसूस करती है और ऐसी मानसिक स्थिति में वह तेज चलती है तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा बहुत कम यानी कभी कभार ही होता है।
सपनों में - महिलाएं कई बार सेक्स सम्बंधी सपने देखते हुए भी काफी उन्माद से भर जाती हैं। अतः महिला ने यदि कोई सेक्स सम्बंधी सपना देखा हो तो चरमानंद तक पहुंच सकती है। हालांकि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ऐसा कम होता है।
खुले मन की हों - यदि आप किसी वस्तु विशेष की ओर ध्यान केंद्रित रखती हैं तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बन सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आप ध्यान मग्न हैं यानी मेडिटेशन कर रही हैं, उस समय सेक्स सम्बंधी विचार आपके जहन में कौंधे तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
सोचने से - यदि कोई महिला ये कहे कि वे सेक्स के बारे में नहीं सेाचती तो यह सरासर झूठ है। असल में दुनिया में शायद ही कोई ऐसी महिला या कोई ऐसा पुरुष हो जो इस विषय से कटना पसंद करता हो। असल में सेक्स सम्बंधी सोच जब हावी हो यानी जब महिला सेक्स की सोच से उत्तेजित होने लगती है तो एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
जब दिमाग स्थिर न हो - हो सकता है कि इस तथ्य को जानकर आप हैरान हो जाएं। लेकिन यह सच है कि जब दिमाग स्थिर नहीं होता तब भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। कुछ रिपोर्ट तो यहां तक कहते हैं कि समस्या जितनी बड़ी होती है, सेक्स की चाह उतनी ज्याद हो जाती है। कई बार तो ऐसी स्थिति में सार्वजनिक जगहों में भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो जाता है।
विशेषांग के अकस्मात घर्षण से - यदि महिला विशेष ने कोई ऐसी पोषाक पहन रखी है जिसके पहन चलने से शरीर के गुप्तांग में घर्षण हो या फिर महिला बाइक या स्कूटी चलाते हुए घर्षण महसूस करती है तो एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
तेज चलने से - महिला विशेष यदि किसी भी तरह से सेक्स से जुड़ाव महसूस करती है और ऐसी मानसिक स्थिति में वह तेज चलती है तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा बहुत कम यानी कभी कभार ही होता है।
सपनों में - महिलाएं कई बार सेक्स सम्बंधी सपने देखते हुए भी काफी उन्माद से भर जाती हैं। अतः महिला ने यदि कोई सेक्स सम्बंधी सपना देखा हो तो चरमानंद तक पहुंच सकती है। हालांकि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ऐसा कम होता है।
खुले मन की हों - यदि आप किसी वस्तु विशेष की ओर ध्यान केंद्रित रखती हैं तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बन सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आप ध्यान मग्न हैं यानी मेडिटेशन कर रही हैं, उस समय सेक्स सम्बंधी विचार आपके जहन में कौंधे तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
सोचने से - यदि कोई महिला ये कहे कि वे सेक्स के बारे में नहीं सेाचती तो यह सरासर झूठ है। असल में दुनिया में शायद ही कोई ऐसी महिला या कोई ऐसा पुरुष हो जो इस विषय से कटना पसंद करता हो। असल में सेक्स सम्बंधी सोच जब हावी हो यानी जब महिला सेक्स की सोच से उत्तेजित होने लगती है तो एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
जब दिमाग स्थिर न हो - हो सकता है कि इस तथ्य को जानकर आप हैरान हो जाएं। लेकिन यह सच है कि जब दिमाग स्थिर नहीं होता तब भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। कुछ रिपोर्ट तो यहां तक कहते हैं कि समस्या जितनी बड़ी होती है, सेक्स की चाह उतनी ज्याद हो जाती है। कई बार तो ऐसी स्थिति में सार्वजनिक जगहों में भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो जाता है।
तेज चलने से - महिला विशेष यदि किसी भी तरह से सेक्स से जुड़ाव महसूस करती है और ऐसी मानसिक स्थिति में वह तेज चलती है तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा बहुत कम यानी कभी कभार ही होता है।
सपनों में - महिलाएं कई बार सेक्स सम्बंधी सपने देखते हुए भी काफी उन्माद से भर जाती हैं। अतः महिला ने यदि कोई सेक्स सम्बंधी सपना देखा हो तो चरमानंद तक पहुंच सकती है। हालांकि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ऐसा कम होता है।
खुले मन की हों - यदि आप किसी वस्तु विशेष की ओर ध्यान केंद्रित रखती हैं तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बन सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आप ध्यान मग्न हैं यानी मेडिटेशन कर रही हैं, उस समय सेक्स सम्बंधी विचार आपके जहन में कौंधे तो भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है।
सोचने से - यदि कोई महिला ये कहे कि वे सेक्स के बारे में नहीं सेाचती तो यह सरासर झूठ है। असल में दुनिया में शायद ही कोई ऐसी महिला या कोई ऐसा पुरुष हो जो इस विषय से कटना पसंद करता हो। असल में सेक्स सम्बंधी सोच जब हावी हो यानी जब महिला सेक्स की सोच से उत्तेजित होने लगती है तो एक्सीडेंटल आर्गेज्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
जब दिमाग स्थिर न हो - हो सकता है कि इस तथ्य को जानकर आप हैरान हो जाएं। लेकिन यह सच है कि जब दिमाग स्थिर नहीं होता तब भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो सकता है। कुछ रिपोर्ट तो यहां तक कहते हैं कि समस्या जितनी बड़ी होती है, सेक्स की चाह उतनी ज्याद हो जाती है। कई बार तो ऐसी स्थिति में सार्वजनिक जगहों में भी एक्सीडेंटल आर्गेज्म हो जाता है।
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