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Sunday 11 December 2016

यह चेहरे नकाब जादुई दाग, मुँहासे निशान और झुर्रियों को हटा दूसरा प्रयोग करने के बाद

यह चेहरे नकाब जादुई दाग, मुँहासे निशान और झुर्रियों को हटा दूसरा प्रयोग करने के बाद


यह चेहरे नकाब जादुई दाग, मुँहासे निशान और झुर्रियों को हटा दूसरा प्रयोग करने के बाद

जब भी मैं फेसपैक लगाती हूं तो मेरे दिमाग में कुछ सवाल जरूर आते हैं। जैसे कि ग्लोइंग स्किन पाने के लिए मुझे कितने दिनों के बाद फेसपैक लगाना चाहिए? क्या स्मूद और क्लियर स्किन के लिए नैचुरल फेस पैक का इस्तेमाल करना ही सबसे अच्छा तरीका है? क्या हर तरह की स्किन के लिए अलग फेसपैक लगाया जाना चाहिए? क्या मैं ग्लोइंग स्किन के लिए नींबू, नीम और दूसरे घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकती हूं?
इस सवाल का जवाब फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई की कंसल्टेंट डर्मटॉलोजिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर स्मृति नासवा सिंह ने दिया।
डॉक्टर स्मृति के अनुसार फेसपैक का इस्तेमाल स्किन-टाइप देखकर किया जाता है। ड्राई स्किन, ऑयली स्किन, नॉर्मल स्किन, सेंसिटिव स्किन और कॉम्बिनेशन स्किन सबके लिए एक तरह के फेसपैक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अगर आपकी स्किन नॉर्मल, सेंसिटिव या ड्राई है तो आपको तीन हफ्तों में या एक महीने में एक बार फेसपैक लगाना चाहिए। वहीं ऑयली स्किन होने पर हर 15 दिन में फेसपैक लगाया जा सकता है। कॉम्बिनेशन स्किन वाले लोग हफ्ते में एक बार फेसपैक लगाएंगे तो अच्छे परिणाम दिखेंगे
सारी स्किन-टाइप में से कॉम्बिनेशन स्किन टाइप ऐसा है जिसकी देखभाल करना थोड़ा मेहनत वाला काम है। इस टाइप की स्किन में माथे और नाक के आसपास स्किन ऑयली होती है, जबकि बारी ड्राई। इस तरह की स्किन के लिए आपको दो तरह के फेसपैक इस्तेमाल करने पड़ते हैं। एक ऑयली स्किन के लिए और दूसरा ड्राई स्किन के लिए। आप कोई भी फेसपैक इस्तेमाल करें, जरूरी है जब स्किन थोड़ी गीली हो उस पर मॉश्चराइज़र लगाएं जिससे वो हाइड्रेटेड रहे।
ग्लोइंग स्किन के लिए नींबू, नीम का इस्तेमाल
नींबू को सीधा स्किन पर लगाने से उसे नुकसान हो सकता है। इससे स्किन रैशिज़ हो सकते हैं और स्किन लाल हो सकती है। अगर आप टैनिंग और पिगमेंटेशन दूर करना चाहती हैं तो विटामिन सी वाली चीज़ें आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। डॉक्टर स्मृति कहती हैं कि नीम के इस्तेमाल से स्किन ड्राई हो सकती है। इससे बेहतर है आप ऐलोवेरा का इस्तेमाल करें इससे स्किन पर नमी बनी रहती है और स्किन साफ भी रहती है

फैट को कम करना है तो रात को सोने से पहले करें इसका सेवन

फैट को कम करना है तो रात को सोने से पहले करें इसका सेवन

अक्सर महिलाएं अपने मोटापे और खासतौर पर तोंद को लेकर काफी परेशान रहती हैं। जैसे मर्दों में सिक्स और 8 पैक एब्स बनाने को होड़ लगी रहती है वैसे ही भारी-भरकम महिलाओं के लिए भी फ्लैट टमी पाना किसी सपने के सच होने जैसा होता है। इसके लिए हम न जाने क्या-क्या उपाय करते है। जिससे कि हमारा फैट कम हो जाए
इसके लिए हम टाइटिंग शुरु कर देते है। आधा पेट खाना खाते है कि हम पतले हो जाए। लेकिन उनते उपाय करने के बावजूद हमारा फैट कम नही हो पाता है। तो आप अजमाइए कुछ स्मार्ट तरीके। बस आपको रात को सोने से कुछ काम करने होग जिससे आपका बेली फैट गायब हो जाएगा। जानिए ऐसे कौन से काम करना हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिस बेली फैट को आप जिम में पसीना बहाकर भी नहीं घटा सके उसे सिर्फ नेचुरल जूस की मदद से कम किया जा सकता है। पेट कम करने के साथ ही इन नेचुरल जूस की मदद से शरीर के विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं
बेली फैट कई कारणों से हो सकता है। कई बार ब्लड प्रैशर की वजह से बेली फैट हो जाता है, तो किसी को मधुमेह, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और हॉर्मोन्स की अनियमितता के कारण हो जाता है। इस जूस की मदद से आप बैली फैट पा सकते है।
सबसे पहले एक नींबू, धनिया, खीरा और पार्सले का एक गुच्छा ले। इसके बाद इन सब चीजों को जूसर में डालकर अच्छी कर से ग्राइंड कर लें। अगर आपको लग रहा है कि यह बहुत गाढ़ा है तो इसमें आप पानी मिला लें। इसे रात को सोने से पहले पी लें। ऐसे रोजना पीने से आपका 10 दिन में ही बेली फैट गायब हो जाएगा।
नाशपाती में नींबू का रस, खीरा और पालक की पत्ती को ग्राइडर में डालकर अच्छी तरह से ग्राइड करके एक गिलास में छान लें। इसे रोज सोने से पहले पिएं। रोजाना इसका सेवन करने से आपको जल्द ही इसका परिणाम नजर आने लगेगा

बिना पढ़े मत छोड़ना _शुगर _रामबाण औषधि _बिना कोई साइड इफेक्ट के शुगर शुगर शुगर



बिना पढ़े मत छोड़ना _शुगर _रामबाण औषधि _बिना कोई साइड इफेक्ट के शुगर शुगर शुगर

दोस्तों आज शुगर रोग मानवता के लिए एक नासूर बन गया है एलोपैथी में हजारों रुपए की दवाएं लोग खाते खाते थके जा रहें हैं पुरुष हो या स्त्री दोनों जातियों में यह रोग घुन लगा रहा है और बहुतयात से पाया जाता है जब इनबॉक्स में रोगियों एक बड़ी संख्या शुगर शुगर शुगर पुकार ने लगी और प्रति दिन वाटसअप पर सैकड़ों की संख्या में मैसेज आने लगे तो मुझे अबतक के सबसे तीव्र और अनूठे इस शुगर नाशक महा योग से पर्दा उठाना ही पड़ा इसलिए कि मानवता से बढ़कर कोई चीज नहीं
आप सामग्री ध्यान में रखें
इन्द्रजो कडवा 250
बादाम 250
भुने चने 250
यह योग बिल्कुल अजूबा योग है अनेकों रोगियों पर आजमाया गया है मेरे द्वारा 100%रिजल्ट आ या है आप इस नुस्खे के रिजल्ट का अंदाजा यूं लगा सकते हैं कि अगर इसको उसकी मात्रा से ज्यादा लिया जाए तो शुगर इसके सेवन से लो होने लगती है बादाम को इस वजह से शामिल किया गया यह शुगर रोगी की दुर्बलता कमजोरी सब दूर कर देता है चने को इन्द्रजो की कड़वाहट थोड़ी कम करने के लिए मिलाया गया
बनाने कि विधी तीनों औषधियों का अलग अलग पावडर बनाए और तीनो को मिक्स कर लीजिये और कांच के जार में रख लें और खाने के बाद एक चाय वाला चम्मच एक दिन में केवल एक बार खाएं सादे जल से
अगर आप दोस्तों में से कोई शुगर रोग से ग्रस्त हो तो स्वयं इस योग का सेवन कर नया जीवन पाईये और अगर कोई आपका अपना शुगर रोगी है तो उसे यह योग शेयर करके नया जीवन गिफ्ट में दीजिए सभी दोस्तों से अनुरोध है कि यह पोस्ट रुकनी नहीं चाहिए सम्पूर्ण भारत वासियों को यह योग मालूम हो जा ना चाहिये मानवता का दुख अपना दुख यह मेरा मानना है और आज पता चल जाएगा की मानवता के दुख को कोन अपना दुख मानता है और कोन कोन मित्र शेयर करके निर्धन गरीब लोगों को नयी उम्मीद और नयी रोशनी दिखाता है, इसी में मेरा और आपका कल्याण है

कलौंजी का तेल है अमृत के समान

कलौंजी का तेल है अमृत के समान

कलौंजी का तेल हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज, अस्थमा, खांसी, नजला, जोड़ों के दर्द, बदन दर्द, कैंसर, किडनी, गुर्दे की पत्थरी, मूत्राशय के रोग, मर्दाना कमजोरी, बालों के रोगों, मोटापे, याद दाश्त बढाने, मुंहासे, सुंदर चेहरा, अजीर्ण, उल्टी, तेज़ाब, बवासीर, लयुकोरिया आदि  गंभीर बीमारियों से एक साथ निजात दिलाने में सक्षम है
यह अनमोल चमत्कारिक दवा ब्लैैक सीड ऑइल, जिसे कलौंजी का तेल भी कहा जाता है यह आसानी से उपलब्ध होने वाली बेहद प्रभावी और उपयोगी साबित हो सकती है। कलौंजी के तेल में मौजूद दो बेहद प्रभावकारी तत्व थाइमोक्विनोन और थाइमोहाइड्रोक्विनोन में विशेष हीलींग प्रभाव होते हैं। ये दोनों तत्व मिलकर इन सभी बीमारियों से लड़ने और शरीर को हील करने में मदद करते हैं
इतना ही नहीं, कार्डियोवेस्कुलर डि‍सीज एवं अस्थमा, ब्लड कैंसर, फेफड़ों की समस्या, लिवर, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट कैंसर, सर्विक्स और त्वचा रोगों में भी कारगर है। यह कोई नई दवा नहीं है, बल्कि इन गंभीर बीमारियों के लिए इसकी खोज हजारों वर्षों पूर्व हो चुकी थी। जिसके बाद इस दवा पर विज्ञान के अब तक कई शोध हो चुके हैं, जो विभिन्न बीमारियों के लिए ब्लैैक सीड ऑइल को बेहतरीन घरेलू दवा साबित करते हैं।
2012  में इजिप्ट में हुए एक शोध के अनुसार शहद और कलौंजी ब्लैैक सीड ऑइल ट्यूमर रोधी तत्व मौजूद हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्ध‍ि को रोकने में सक्षम है। वहीं 2013 में मलेशिया में हुए रिसर्च के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के लिए थाइमोक्विनोन का प्रयोग एक दीर्घकालिक इलाज के रूप में किया गया
इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन एक बायोएक्टिव कंपाउंड है जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर कारक है। इसमें वे चुनिंदा साइटोटॉक्स‍िक प्रॉपर्टी मौजूद है जो कैंसर को‍शिकाओं के लिए घातक है, जबकि सामान्य कोशिकाओं को कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती।
तो अब आपको इन बीमारियों के लिए महंगी दवाओं पर खर्च करने की जरुरत नहीं होगी, इस एक घरेलुु द्वारा आप कई बीमारियों को हल कर सकते हैं।

कलौंजी का तेल कहाँ मिलेगा.

कलौंजी का तेल किसी भी मेडिकल स्टोर या पंसारी के पास से आसानी से उपलब्ध हो जायेगा. इसका 100 मि.ली. का  मूल्य 100 से 200 रुपैये तक ही होता है. एक व्यक्ति के लिए एक शीशी 6 महीने तक चल जाएगी.

कलौंजी का तेल सेवन की विधि.

किसी भी बीमारी में आप कलौंजी के तेल को आप सुबह गर्म पानी में 2 बूँद डालकर रोजाना पी सकते हैं. इस से आपको उपरोक्त बिमारियों के होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. अगर गंभीर बिमारियों ने जकड रखा है तो जब भी पानी पियें तो उसमे 2 बूँद कलौंजी का तेल डालकर पीजिये. इसमें शहद भी मिलाया जा सकता है.
कलौंजी का तेल रात्रि को सोने से पहले दूध में भी 2 बूँद डाल कर रोजाना पिया जा सकता है.
जितने गुण कलौंजी में निहित है उतने ही गुण कलौंजी के तेल में भी हैं. कलौंजी के लिए एक कहावत भी मशहूर है के मौत को छोड़कर हर मर्ज की दवा है कलौंजी.

ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है

यह सब्जी कैंसर, वजन घटाने और मधुमेह जैसे रोगों में रामबाण औषिधि का काम करती है.


यह सब्जी कैंसर, वजन घटाने और मधुमेह जैसे रोगों में रामबाण औषिधि का काम करती है.

कंटोला या ककोरा एक स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य गुणों से भरपूर सब्जी है। भारत के अधिकांश हिस्सों में उपलब्ध इस सब्जी को केकरोल, काकरोल और अन्य कई नामों से जाना जाता है। इसमें कम कैलोरी होती है, जिस वजह से ये वजन घटाने वालों के लिए बेहतर है। फाइबर से भरपूर कंटोला पाचन को सही रखती है। इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ क्या-क्या हैं, आइए जानते हैं
  1. कैंसर की रोकथाम में सहायक : इसमें मौजूद ल्यूटेन जैसे केरोटोनोइड्स विभिन्न नेत्र रोग, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर की रोकथाम में सहायक है।
  2. सर्दी-खांसी से राहत दिलाए : इसके एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक गुण सर्दी-खांसी से राहत प्रदान करने और इसे रोकने में भी सहायक हैं।
  3. स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक : कंटोला में मौजूद फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर इस सब्जी से शरीर को साफ़ रखने में मदद मिलती है।
  4. वजन घटाने वालों के लिए अच्छी : प्रोटीन और आयरन से भरपूर कंटोला में क म मात्रा में कैलोरी होती है। 100 ग्राम कंटोला में केवल 17 कैलोरी होती है, जिस वजह से ये वजन घटाने वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प है।
  5. डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छी : कंटोला ब्लड शुगर कम करने और डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक है।
  6. पाचन सही रखने में मददगार : इस सब्जी में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिस वजह से ये आसानी से हजम हो जाती है । ये मानसून में कब्ज़ और इन्फेक्शन को नियंत्रित कर आपके पेट को सही रखती है

थोड़ा सा नमक और जैतून का तेल मिलायें और पांच सालों तक दर्द से छुटकारा पायें

थोड़ा सा नमक और जैतून का तेल मिलायें और पांच सालों तक दर्द से छुटकारा पायें

जब हमें सेहत से सम्बंधित कोई समस्या होती है तो हम तुरंत ही दवा का सहारा लेते हैं. जब के बहुत सारी इसी कुदरतीऔशदियाँ मोजूद हैं जो दवा से भी ज़यादा असरदार होती हैं. जैसे  के अगर आप गर्दन के दर्द (osteochondrosis) से पीडित हैं , जो के बहुत  ही  दर्दनाक और हताश करने वाली स्थिति है उसे आप दवा के जगह कुछ प्राक्रितिक औषधियो से ठीक कर सकते हैं

औषधि तैयार करने की सामग्री  :

  • 10 चमच उच्च गुणवता का नमक
  • 20 चमच जैतून अथवा सूरजमुखी का कच्चा तेल (unrefined oil)

विधि:

इसको बनाने की विधि बहुत ही आसान है, एक कांच के बर्तन में दोनों चीज़े मिला लें. बर्तन को अच्छी  तरह से 2 दिन के लिए बंद (air tight) कर के रखें और दो दिन बाद  एक हलके रंग की औषधि तैयार हो जाएगी

इस्तेमाल का तरीका:

सुबह इस औषधि को प्रभावित  जगह पर लगायें और हलके  हाथों से मालिश  करें. शुरुआत में 2-3 मिनट के लिए करें और धीरे धीरे अवधी बढाए. विशेषज्ञों के अनुसार ज़यादा से ज़यादा 20 मिनट की मालिश काफ़ी है. मालिश करने के बाद गीले तोलिये से साफ करें .
अगर आपको तव्चा पर हलकी जलन महसूस हो तो  बच्चों  के इस्तेमाल का पाउडर लगायें इस से आपको जलन से राहत मिलेगी
10 दिन में ये औषधि आपके खून के बहाव को बढाएगी और आपकी मासस्पेशिओं को पुनर्जीवित  कर के आपके तंत्रिका  तंत्र्र और हडियो को मज़बूत करेगी.
इस इलाज के बाद आपका सर दर्द हमेशा के लिए चला जायेगा कियोंकि ये औषधि खून के बहाव को बढाने में मदद करती है और अच्छी  दृष्टि भी प्रदान करती है. इस के इलावा ये आपके शारीर को ज़ेहरीले तत्वों से मुक्त करेगी और आपके पाचन तंत्र को मज़बूत करेगी. याद रखें इसके इस्तेमाल से आप थोड़ा  असहज महसूस कर सकते हैं मगर इस होना सौभाविक है. इस के इस्तेमाल  से आपको अश्चर्यजनक  नतीजे मिलेगे , और सब से अच्छी बात ये है के पारंपरिक दवाओ के उलट इसका कोई दुष्प्रभाव भी नही है

हल्‍दी वाला दूध बनाने का सही तरीका और सावधानियाँ-


हल्‍दी वाला दूध बनाने का सही तरीका और सावधानियाँ-

हल्‍दी के दूध के फायदों के बारे में लगभग हम सभी जानते हैं, यह गोल्‍डन मिल्‍क दैनिक आहार में सम्मिलित कर आप कई बीमारियों और संक्रमणों को रोक सकते हैं। आयुर्वेद में तो हल्‍दी के दूध को अमृत माना जाता है। ‘हल्दी दूध’ पर एक सरल वेब खोज ने तो इसे वजन घटाने से लेकर, सर्दी जुकाम और अर्थराइटिस तक कई बीमारियों की रामबाण दवा माना है। लेकिन इसको बनाने की सही विधि से ज्‍यादातर लोग अनजान हैं। आइए इस आयुर्वेदिक औषधि को बनाने की सही विधि के बारे में जानते हैं

हल्‍दी दूध बनाने के सही तरीका

हल्‍दी के टुकड़ें लें

हल्दी की एक इंच लंबे टुकड़े को लें। हल्दी पाउडर, हल्‍दी की स्टिक की तरह प्रभावी नहीं होता है, क्‍योंकि पाउडर में संदूषण की संभावना अधिक होती है, इसके अलावा पीसने की प्रक्रिया के दौरान हल्‍दी की गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए एक हल्दी के टुकड़े लेकर उसे क्रश करके इस्‍तेमाल करें।

पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने

फिर थोड़ी से पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने क्रश करें। काली मिर्च की जगह सफेद किस्म बेहतर रहती है। और सफेदी मिर्च यानी दखनी मिर्च आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करती है। अब आधा गिलास दूध और एक कप पानी लेकर उसमें आधी चम्‍मच क्रश हल्‍दी और मिर्च को मिलाकर अच्‍छे से उबाल लें।

20 मिनट तक उबाले

इस मिश्रण को 20 मिनट उबाले, इस समय तक दूध एक कप हो जाएगा। इसलिए इसमें पानी मिलाने की सलाह दी जाती है, क्‍योंकि पानी न मिलाने से दूध 20 मिनट उबालने पर खीर की तरह हो सकता है। और ऐसा पीने में आरामदायक नहीं लगता।

शहद या चीनी डालें

20 मिनट उबलने के बाद इस मिश्रण को गैस से उतारकर, इस मिश्रण को छानकर उसमें शहद या चीनी मिला लें, और फिर लें गर्मागर्म हल्‍दी वाले दूध का मजा

खांसी के लिए देसी घी मिलाये

अगर आप गले में खराश से राहत पाने के लिए इसे ले रहे हैं, तो गर्म हल्‍दी वाला दूध पीने से पहले आधा चम्‍मच देसी घी मिला लें। घी पिघल कर आपके गले पर कोट बनाकर, खांसी से अच्‍छी तरह से राहत देगा
कुछ मिनट आराम से बैठकर इस पेय का सुखदायक स्‍वाद और रस्टिक अरोमा आपमें फील गुड फैक्‍टर की वृद्धि करने में मदद करता है।

सावधानिया-

हल्दी के फायदे हम आपको पहले ही बता चुके हैं. ज्यादातर लोगों को पता होगा कि हल्दी कई तरह की बीमारियों और कमजोरी में फायदेमंद होता है. लंबे समय से ये दवा के तौर पर इस्तेमाल होता आया है. एक अच्छा एंटी-सेप्टिक होने के साथ ही से शोथ-रोधी भी होता है.एक ओर जहां हल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है वहीं इसके कुछ साइड-इफेक्ट भी हैं. हालांकि हल्दी तभी नुकसान करती है जब वो बहुत अधिक मात्रा में ली जाए. हल्दी के फायदे जानने के साथ ही आपको इसके नुकसान भी पता होना बहुत जरूरी है
1. गॉल ब्लेडर/पित्ताशय में समस्या
अगर आपको पित्ताशय से जुड़ी कोई समस्या है तो हल्दी वाला दूध आपकी इस समस्या को और बढ़ा देगा. अगर आपकी पित्त की थैली में स्टोन है तो आपको हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए.
2. ब्लीडिंग प्रॉब्लम
अगर आपको ब्लीडिंग प्रॉब्लम है तो हल्दी वाला दूध आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ये ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया को कम कर देता है जिससे ब्लीडिंग की समया और अधिक बढ़ सकती है.
3. मधुमेह की स्थिति में
हल्दी में एक रासायनिक पदार्थ करक्यूमिन पाया जाता है. जो ब्लड शुगर को प्रभवित करता है. ऐसे में अगर आपको मधुमेह है तो हल्दी वाला दूध पीने से परहेज करना ही बेहतर होगा.
4. नपुंसकता का कारण
हल्दी, टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम कर देती हैं. इससे स्पर्म की सक्रियता में कमी आ जाती है. अगर आप अपनी फैमिली प्लान कर रहे हैं तो कोशिश कीजिए कि हल्दी का सेवन संयमित रूप से करें.
5. आयरन का अवशोषण
हल्दी का बहुत अधिक सेवन करने से आयरन का अवशोषण बढ़ जाता है. जिन लोगों में पहले से ही आयरन की कमी है उन्हें बहुत सोच-समझकर हल्दी का सेवन करना चाहिए.
6. सर्जरी के दौरान
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि हल्दी खून का थक्का जमने नहीं देता है. जिसकी वजह से खून का स्त्राव बढ़ जाता है. अगर आपकी सर्जरी हुई है या फिर होने वाली है तो हल्दी के सेवन से बचें

दोबारा से बालों को उगाए, बालों को झड़ने से रोके, सफ़ेद बालों को काला करे प्याज़ का रस..


दोबारा से बालों को उगाए, बालों को झड़ने से रोके, सफ़ेद बालों को काला करे प्याज़ का रस..

खुबसूरत बाल हर कोई चाहता है लेकिन व्यस्त दिनचर्या के चलते बालों का ख्याल रखना नामुकिन होता जा रहा है. घर पर बालों को धोना ही कई महिलाओं को अखरता है जिसके लिए वह महंगे पार्लर में जा कर हेयर स्पा आदि लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बालों की समस्याओं के लिए आपके घर में एक रामबाण इलाज मौजूद है!
 बालों का झड़ना, असमय सफेदी, रूसी की समस्या तो आम हो गई है. बालों की इन उलझनों के लिए प्याज एक वरदान है! जी हाँ, प्याज आपके बालों को झड़ने, रुसी, सफेदी और गंजे होते सिर की समस्याओं को दूर करती है

प्याज  वैसे  तो भारत में बहुत आम वरतों में होने  वाला पदार्थ है | प्याज में सल्फर (Sulfur) नामक मिनरल भरपूर मात्र में होता है , जो के बालों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है | एक आम सा प्याज आपके बालों के बढ़ने की रफ़्तार को दोगुना तक बढ़ा सकता है |

जानते है कैसे काम आता है प्याज , हमारे बालों को घना और लम्बा करने में –

इस  प्रक्रिया में हम आपको बतायेंगे के केसे एक लाल रंग का प्याज भूरे रंग के बालों का उगना और बालों का झडना रोक सकता है | हमारे बालों का विकास  हमारे जींस (Genes) पर निर्भर करता है , लेकिन कई कारणों की वजेह से हमारे बालों का विकास रुक जाता है या कम हो जाता है | यह  विधि आप के लिए लाभदायक तो होगी ही बल्कि आगे चल कर आपके बचों को भी लाभ देगी

विधि :–

बालों को झड़ने से रोकने के लिए बालों पर प्याज़ के प्रयोग का सबसे बेहतरीन तरीका प्याज का रस के रूप में प्रयोग करना है। प्याज के रस के फायदे, 3-5 प्याज छीलें और उन्हें अच्छे से पीस लें। इस पेस्ट को अपने हाथों से निचोड़कर इसका रस निकाल लें। अब इस रस को अपने सिर पर तथा बालों पर लगाएं। अब इस रस को सिर पर आधे घंटे तक रहने दें एवं एक हलके शैम्पू का प्रयोग करके इसे धो दें। हफ्ते में 3 बार इस पद्दति का इस्तेमाल करने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होगी। तुरंत अच्छे परिणाम पाने की आशा ना करें क्योंकि प्राकृतिक उपचारों में काफी समय लगता है।

दोबारा से बालों को उगाए प्याज का रस और शहद का उपचार (Onions and honey hair regrowth treatment)

एक कटोरी में 2 चम्मच शहद लें और इसमें एक चौथाई कप प्याज का रस डालें। इन दोनों को अच्छे से मिलाएं एवं सिर पर मसाज करते हुए धीरे धीरे लगाएं। बेहतरीन परिणामों के लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग हफ्ते में 3 बार करें।

प्‍याज, ऑलिव ऑयल, नारियल तेल पैक-

इस पैक को बनाने के लिये कुछ प्‍याज ले कर पीस लीजिये और उसका रस निकाल लीजिये। उसमें चम्‍मच ऑलिव ऑयल और नारियल तेल मिलाइये। इस मिश्रण को बालों में लगाइये, जड़ों में इस तेल को न लगाएं। इसे 2 घंटे तक लगा रहने के बाद शैंपू से धो लें। इस पैक को आप रोज लगा सकते  हैं।

प्‍याज, बियर और नारियल तेल-

बियर और नारियल तेल के साथ प्‍याज के गूदे को मिलाइये और बालों में लगा लीजिये। इस मिश्रण को 1 घंटे तक बालों में रखना है इसके बाद शैंपू कर लेना है। इससे बलों में शाइन आएगी और वह घने दिखेगें।

high bp का इलाज़

high bp का इलाज़


 आयुर्वेद के अनुसार high BP की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दबाईया है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत अच्छी दवा है आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए ;
अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अच्छी दवा है । और एक अच्छी दवा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । दूसरी दावा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पि लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, देड से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगा ।
और एक तीसरी अच्छी दवा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर, आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पि ले । ये हाई BP को ठीक करेगा, कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा, मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल । डॉक्टर अक्सर ये कहते है न की दिल कमजोर है आपका; अगर दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हरदिन , दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका; आपका ESR ठीक होगा, ejection fraction भी ठीक हो जायेगा; बहुत अछि दावा है ये अर्जुन की छाल ।
और एक अछि दावा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले ; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तिन चार कलि मिर्च पिस के ये सब डाल के पीना .. ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है , कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा, डाईबेटिस में भी काम आता है ।
और एक मुफ्त की दावा है , बेल पत्र की पत्ते – ये उच्च रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पिस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पि लीजिये । ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र आपके सुगर को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप और सुगर दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अछि दावा है ।
और एक मुफ्त की दावा है हाई BP के लिए – देशी गाय की मूत्र पीये आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है , ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है – दोनों में काम आता है और येही गोमूत्र डाईबेटिस को भी ठीक कर देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर आप गोमूत्र लगातार पि रहे है तो दमा भी ठीक होता है अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है । इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय सुद्धरूप से देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो ।
low BP की बीमारी के लिए दावा : निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अछि दावा है गुड । ये गुड पानी में मिलाके, नमक डालके, नीबू का रस मिलाके पि लो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिलाके दिन में दो तिन बार पिने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक हो जाती है , गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो BP ठीक कर देता है , अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP ठीक कर देता है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है मिसरी और मखन मिलाके खाओ – ये लो BP की सबसे अछि दावा है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है दूध में घी मिलाके पियो , एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिलाके रातको पिने से लो BP बहुत अछे से ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तिन बार , जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है

इसे सिर्फ सूंघने से सिरदर्द का जड़ से सफाया, पीने से मर जायेंगे पेट के कीड़े और पिचकारी मारने से बंद हो जायेगा नाक से बहता खून, जरूर पढ़े और शेयर करे

इसे सिर्फ सूंघने से सिरदर्द का जड़ से सफाया, पीने से मर जायेंगे पेट के कीड़े और पिचकारी मारने से बंद हो जायेगा नाक से बहता खून

नींबू का अनोखा गुण यह है कि इसकी खट्टी खुशबू खाने से पहले ही मुंह में पानी ला देती है। चांट हो या दाल कोई भी व्यंजन इसके प्रयोग से और भी सुस्वादु हो जाता है। यह फल खट्टा होने के साथ-साथ बेहद गुणकारी भी है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नींबू के पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के पत्तों के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोगों के बारे में
कृमि रोग (पेट के कीड़े) :
10 ग्राम नींबू के पत्तों का रस (अर्क) में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से 10-15 दिनों में पेट के कीड़े मरकर नष्ट हो जाते हैं। नींबू के बीजों के चूर्ण की फांकी लेने से कीड़ों का विनाश होता है।
सिरदर्द या माइग्रेन :
1. नींबू के पत्तों का रस निकालकर नाक से सूंघे, जिस व्यक्ति को हमेशा सिरदर्द बना रहता है, उसे भी इससे शीघ्र आराम मिलता है।
2. गाय का ताजा घी सुबह-शाम 2-4 बूँद नाक में रुई से टपकाने अथवा सूंघते रहने से आधे सिर की दर्द की पीड़ा जड़ से आराम हो जाती है। साथ ही इसे नक् से खून गिरना भी जड़मूल से नष्ट हो जाता है। 7 दिन तक लें।
3. सिर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो उस तरफ के नथुने में 7-8 बूँद सरसों का तेल डालने अथवा सूंघने से दर्द एकदम बन्द हो जाता है। 4-5 दिन तक दिन में 2-3 बार इसी प्रकार सूंघने से कई बार दर्द सदा के लिए मिट जाता है।
नाक से खून आना :
ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी देने से नाक से खून गिरता हो, तो बंद हो जाएगा