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Monday 31 October 2016

स्किन को बचाएं गर्मियों के साइड इफेक्ट से दूर रहेगी स्किन एलर्जी

स्किन को बचाएं गर्मियों के साइड इफेक्ट से


बढ़ती गर्मी के साथ लोगों की स्किन प्रॉब्लम भी बढ़ रही हैं। पिछले कुछ दिनों से स्किन के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना लगभग 100 मरीज स्किन प्रॉब्लम के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें सनबर्न और धूप से एलर्जी के मरीज सबसे ज्यादा हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ सावधानियां बरतने से इन प्रॉब्लम से आसानी से बचा जा सकता है।
तापमान बढऩे की वजह से स्किन प्रॉब्लम बढ़ रही हैं। ज्यादातर लोगों को सनबर्न और धूप से एलर्जी की परेशानी है। धूप से एलर्जी सेंसटिव स्किन वालों को होती है। इसमें स्किन लाल हो जाती है और शरीर पर खुजली होने लगती है। कई बार छोटे-छोटे दाने भी निकल आते हैं। इस तरह के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह समस्या दूषित वातावरण और धूल के कणों से भी हो सकती है। वहीं लंबे समय तक धूप में रहने या स्किन के धूप के संपर्क में आने से त्वचा झुलस सकती है। इससे त्वचा सूखी और हल्की खुजली भी हो सकती है। यह सनबर्न के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने में देर नहीं करनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी को भी जोड़ लिया जाए तो ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। इन दोनों बीमारियों के अलावा स्किन की सामान्य प्रॉब्लम जैसे खुजली, दाद व दाने निकलने आदि प्रॉब्लम वाले मरीज भी बढ़ रहे हैं।

सावधानियां

  • शरीर के ज्यादातर हिस्सों को कपड़ों से ढकें
  • सूती कपड़े पहनें ताकि पसीना सूखता रहे और एलर्जी न हो
  • स्किन का ग्लो व नमी बनाए रखने के लिए कम से कम 3 लीटर पानी पीएं
  • धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन या नारियल का तेल लगाएं
  • सनस्क्रीन लोशन और नारियल का तेल त्वचा पर एक परत चढ़ाता है
  • मौसमी फल भी शरीर की चमक बनाए रखने में मदद करते हैं
  • त्वचा को रूखा या खुरदरा होने से बचाने के लिए त्वचा पर तेलीय पदार्थ लगाएं


दूर रहेगी स्किन एलर्जी


त्वचा की एलर्जी कई तरह से आपको परेशान कर सकती है। लाल रंग के चकते, रैशेज, काले धब्बे, फुंसियां और दाग, ये सब एलर्जी का ही रूप हैं। अगर सही समय पर एलर्जी पर ध्यान न दिया जाए तो यह विकराल रूप धारण कर लेती है और आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।
स्किन एलर्जी होने के कई कारण हो सकते हैं। सही खानपान न होने से लेकर प्रदूषण और जीवनशैली तक आपको एलर्जिक बना सकती है। एलर्जी को पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि अगर आपकी त्वचा का रंग लाल हो रहा है या फिर उसमें खुजली या रैशेज हो रहे हैं तो समझ लीजिए कि आप एलर्जी के शिकार होने की कगार पर पहुंच गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि शुरुआत में तो एलर्जी कभी-कभी परेशान करती है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह सप्ताह में दो-तीन बार और फिर रोज ही होने लगती है।

कैसी-कैसी एलर्जी

कई लोगों को गाय के दूध, मछली या फिर अंडे से एलर्जी हो सकती है। कई बार ऐसा भी होता है कि जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी हो, उससे जुड़े खाद्य पदार्थ समूह से एलर्जी हो गई हो। ऐसे में उनका सेवन करते ही परेशानी शुरू हो जाती है। पानी में मिले कैमिकल्स आपके चेहरे की झुर्रियों का कारण बन सकते हैं। चूंकि ये शरीर द्वारा सीधे सोख लिए जाते हैं, इसलिए इनसे एलर्जी होने का खतरा भी अधिक होता है। पानी में जब क्लोरीन मिला होता है, तब वह अधिक नुकसानदेह हो जाता है। इसलिए कहा जाता है कि जब भी आप स्विमिंग करें तो उसके बाद साफ पानी से जरूर नहा लें।

प्रदूषण से बचें

हवा से भी एलर्जी हो सकती है। पानी के साथ ही प्रदूषण युक्त हवा भी त्वचा को बैक्टीरिया के संपर्क में ले आती है, जिससे एलर्जी होने का खतरा रहता है। टैटू का त्वचा पर बुरा प्रभाव देखा गया है। इस तरह की शिकायतें आजकल आम हैं। युवाओं द्वारा बनवाए जाने वाले अस्थायी टैटू में इस्तेमाल होने वाली खराब स्याही से त्वचा में जलन हो जाती है।

कपड़ों से भी हो सकती है एलर्जी

डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, 'कपड़ों से भी एलर्जी हो सकती है। कभी-कभी कपड़ों पर इस्तेमाल होने वाला रंग यानी डाई त्वचा में एलर्जी पैदा कर देती है। वाशिंग मशीन में धुले कपड़ों से अगर साबुन ठीक से न निकला हो तो भी इससे त्वचा में खिंचाव आदि की समस्याएं होती हैं। मौसम में बदलाव भी स्किन एलर्जी का कारण हो सकता है। मौसम बदलने से हवा में पोलिन्स की संख्या बढ़ जाती है, जो त्वचा में एलर्जी का मुख्य कारण होती है।Ó

एलर्जी का असर

एलर्जी से आपको दर्द, खुजली, घाव हो जाना आदि समस्याएं हो सकती हैं। अगर सही समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो आप त्वचा रोग के भी शिकार बन सकते हैं। इसके अलावा कई बार प्लास्टिक की चीजों जैसे नकली आभूषण, बिंदी, परफ्यूम, चश्मे के फ्रेम, साबुन आदि से भी एलर्जी हो जाती है। इस तरह की एलर्जी को कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस कहा जाता है।

ऐसे दूर करें असर

  • फिटकरी के पानी से प्रभावित स्थान को धोकर साफ करें। जिस स्थान पर एलर्जी हो, वहां कपूर और सरसों का तेल लगाएं।
  • आंवले की गुठली जला कर राख कर लें। उसमें एक चुटकी फिटकरी और नारियल का तेल मिला कर पेस्ट बना लें। इसे लगाते रहें।
  • खट्टी चीजों, मिर्च-मसालों से परहेज रखें। रोज सुबह नींबू का पानी पीएं।
  • चंदन, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर पेस्ट बना कर लगाएं।

डॉक्टर कहते हैं

  • ताजे फल, सब्जियों का अधिक सेवन करें।
  • एलर्जी होने पर त्वचा को केवल पानी से धोएं। साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें।
  • कैलेमाइन लोशन अच्छा है।
  • डॉक्टर की सलाह से एंटी-एलर्जिक दवाएं लें।
  • विटामिन बी, सी से युक्त भोजन लें।

घरेलू उपाय

  • दही में चुटकीभर हल्दी मिला कर लगाएं। सूखने पर धो दें।
  • चंदन पाउडर में नींबू का रस मिलाएं। इसे एलर्जिक त्वचा पर लगाएं। एलर्जिक एरिया को लगातार ठंडे पानी से धोते रहें।
  • जहां एलर्जी हो गई हो वहां पर ऑलिव ऑयल से मसाज करें। 
  • परफ्यूम या खुशबू वाले अन्य उत्पाद लगाने से एलर्जी हो सकती है। इसमें आप रूम स्प्रे, क्लीनर्स, डिटर्जेट को भी शामिल कर सकते हैं।
  • हेयर डाई से भी एलर्जी होने का खतरा रहता है। इसमें पीपीडी होता है, जो एलर्जी कर सकता है।
  • कई बार कपड़ों को रिंकल और सिकुडऩ से बचाने के लिए उन पर जो कैमिकल लगाया जाता है, वह भी स्किन एलर्जी कर सकता है। इस तरह की एलर्जी से पीडित लोगों में से अधिकतर फॉर्मलडिहाइड के प्रयोग के कारण एलर्जिक हो जाते हैं। इसका प्रयोग अंडरगार्मेट्स के इलास्टिक में भी होता है, इसीलिए लोगों को रैशेज आदि की समस्याएं हो जाती हैं। 
  • ऐसी एलर्जी के प्रारंभिक लक्षणों में आंखों में जलन, रैशेज आदि प्रमुख हैं।
  • कॉस्मेटिक भी एलर्जी का कारण हो सकते हैं। आंखों में लालपन से लेकर लाल चकत्ते और दाने तक इनके प्रयोग की वजह से संभव हैं।

नवजातों को भी होती है स्किन एलर्जी

ऐसा नहीं है कि स्किन एलर्जी से केवल वयस्क या बुजुर्ग ही पीडित होते हों। अक्सर देखा जाता है कि नवजातों को भी ऐसी समस्याएं होती हैं। डाइपर्स के कारण होने वाले लाल रैशेज स्किन एलर्जी की ओर ही इशारा करते हैं। इसके अलावा जन्म के कुछ समय बाद लाल रंग के दाने उभर आना भी एलर्जी का ही रूप है, जो कुछ दिन बाद स्वयं ही ठीक हो जाते हैं।
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फलों और सब्जियों से भी होती है एलर्जी


क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपने कोई सब्जी खाई हो और आपके पूरे शरीर पर लाल लाल चकत्ते उभर आए हों? या फिर, आपके शरीर में खुजली होने लगी हो? अगर कोई खास सब्जी या फल खाने से ऐसा आपके साथ भी होता है तो हो सकता है कि आपको उससे एलर्जी हो। जी हां! सब्जी और फल से भी एलर्जी हो सकती है।
एलर्जी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत है कि ये जानना मुश्किल होता है कि किस चीज से एलर्जी हो रही है। एलर्जी के कारण अच्छे और बुरे दोनों हो सकते हैं। एलर्जी व्यक्ति विशेष के शरीर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। सब्जी और फल से होने वाली सारी एलर्जी के कारण भी अलग होते हैं।

सब्जी फल में मौजूद कीटनाशकों से एलर्जी

कुछ लोगों को उन कीटनाशकों से एलर्जी हो जाती है जो सब्जी व फल उगाने के दौरान इस्तेमाल किए जाते हैं, और जिनका असर उनमें आ जाता है। अगर आपके साथ ऐसा हो तो आप ऑर्गेनिक सब्जी और फल खा सकते हैं। इस तरह के फल-सब्जी सिंथेटिक कीटनाशकों से मुक्त होती हैं। अगर ऑर्गेनिक फल-सब्जी खाने से आपकी एलर्जी ठीक हो जाती है तो समझ लीजिए आपकी एलर्जी का कारण फल-सब्जी में मौजूद कीटनाशक ही हैं।

कुछ प्रोटीन भी होते हैं एलर्जी के कारण

अगर ऑर्गेनिक फल-सब्जी से फायदा नहीं होता तो हो सकता है कि आपको किसी विशेष सब्जी व फल से एलर्जी हो। कुछ लोगों को ओरल एलर्जी सिंड्रोम होता है। इसमें ऐसा होता है कि फलों व सब्जियों में पाए जाने वाले कुछ निश्चित प्रोटीन से आपको दिक्कत हो जाती है। उदाहरण के लिए केला, ऐवोकेडो, किवी और कुछ और फलों से उन लोगों को एलर्जी हो जाती है जिन्हें लेटेक्स से एलर्जी होती है। आपको अपने आप इस एलर्जी का मालूम नहीं चलेगा। इस एलर्जी को जानने और समझने के लिए आपको स्किन या ब्लड टेस्ट करवाना पड़ेगा।
कुछ लोगों को सिर्फ एलर्जी के सीजन में ही ऐसे लक्षण दिखते हैं या फिर कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि उन्हें कुछ सब्जी और फल किसी खास रूप में एलर्जी नहीं देते। जैसे कि एप्पल पाई खाने से कुछ नहीं होता लेकिन ताजा सेब खाने से एलर्जी हो जाती है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि हाई हीट पर पकाने से एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन खत्म हो जाते हैं।

अनदेखा न करें एलर्जी के लक्षणों को

एलर्जी रिएक्शन की तरह फलों व सब्जियों से होने वाली एलर्जी के लक्षण भी बहुत हल्के से लेकर बहुत परेशान करने वाले तक हो सकते हैं। खुजली, खराश, लालिमा, लाल चकत्ते अगर कुछ देर के लिए हों तो आपको उससे कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा लेकिन अगर रिएक्शन के तीव्र लक्षणों को अनदेखा किया जाए तो वह ऐनफलैक्सिस तक हो सकता है, जिसमें ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है तो और जान का खतरा भी हो सकता है।

बचें मेकअप एलर्जी से


क्या आप की त्वचा संवेदनशील है क्या हेयर कलर लगाते ही आप छींकना शुरु कर देती हैं ये संकेत मेकअप एलर्जी के हो सकते हैं। कई लोगों को आंखों में काजल और चेहरे पर क्रीम लगाने से भी एलर्जी शुरु हो जाती है। एलर्जी तब होती है जब आपकी त्वचा उस चीज को सहन नहीं कर पाती और रिएक्ट करना शुरु कर देती है। इसके अलावा शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर भी ऐसा होता है।
संवेदनशील आँखों वाले ज्यादातर लोगों को कॉस्मेटिक में मौजूद खुशबू और संरक्षित करने वाले रसायनों से एलर्जी होती है। हेयर डाई, बॉडी क्लींजर, मस्कारा, आई शैडो, मॉइस्चराइजर, शैंपू, लिपस्टिक, नेल पॉलिश, सनस्क्रीन लोशन और डियो में काफी सारे कैमिकल होते हैं, जो त्वचा को नुकसान करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स और ट्रिक्स बताएंगे जिनसे आप मेकअप एलर्जी से बच सकती हैं।

ना लगाएं मेकअप

अगर आपको मेकअप से एलर्जी है तो आप बिना मेकअप के भी बाहर निकल सकती हैं। आप चाहें तो आंखों पर काजल लगा कर अलग सा लुक प्राप्त कर सकती हैं।

कपड़ों पर लगाएं परफ्यूम

अगर आपके शरीर पर परफ्यूम छिड़कने से वहां की त्वचा लाल पड़ जाती है या वहां जलन होने लगती है तो, अब से परफ्यूम शरीर पर नहीं कपड़ों पर छिड़के।

ना हों गुमराह

यदि मेकअप प्रोडक्ट पर जैविक या त्वचा विशेषज्ञ दृारा परीक्षण किया हुआ शब्द लिखा हो तो, इससे गुमराह ना हों। क्योंकि यह इस बात को साबित नहीं करता कि इससे आपको कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता।

मेकअप टूल रखें साफ

अपने मेकअप टूल को हमेशा साफ सुथरा और धो कर रखें। अगर आपको मेकअप ब्रश या टूल गंदा है और आपने उसे यूज़ कर लिया है तो , रिएक्शन होने का चांस बढ़ सकता है।

पैच टेस्ट

कोई भी मेकअप प्रोडक्ट खरीदने से पहले एक पैच टेस्ट जरुर कर लें। इस टेस्ट को करने के लिये मेकअप प्रोडक्ट को अपने कान के पीछे वाले हिस्से पर जरा सा लगाएं। फिर 48 से 72 घंटे तक का इंतजार करें। यदि आपको उससे कोई जलन या खुजली महसूस होती है तो उस प्रोडक्ट को ना खरीदें। वॉटरप्रुफ के लिये जाएं अगर आप को मेकअप लगाना ही लगाना है तो वॉटरप्रूफ या फिर कैमिकल फ्री मेकअप प्रोडक्ट खरीदें। इससे आपको एलर्जी नहीं होगी।

आई मेकअप से दूर रहें

अगर आपकी आंखें इतनी संवेदनशील हैं कि जरा सा काजल लगाने से आंखों में पानी भर आता है तो, अच्छा है कि उसे ना लगाएं। या फिर हो सकता है कि आप काजल या मस्कारे को बहुत ज्यादा आंखों के अदंर भर कर लगाती हों, तो ऐसा ना करें।

एलर्जी से बचने के आयुर्वेदिक तरीके..


एलर्जी एक आम शब्द, जिसका प्रयोग हम कभी 'किसी ख़ास व्यक्ति से मुझे एलर्जी हैÓ के रूप में करते हैं। ऐसे ही हमारा शरीर भी ख़ास रसायन उद्दीपकों के प्रति अपनी असहज प्रतिक्रिया को 'एलर्जीÓ के रूप में दर्शाता है।
बारिश के बाद आयी धूप तो ऐसे रोगियों क़ी स्थिति को और भी दूभर कर देती है। ऐसे लोगों को अक्सर अपने चेहरे पर रूमाल लगाए देखा जा सकता है। क्या करें छींक के मारे बुरा हाल जो हो जाता है। हालांकि एलर्जी के कारणों को जानना कठिन होता है, परन्तु कुछ आयुर्वेदिक उपाय इसे दूर करने में कारगर हो सकते हैं। आप इन्हें अपनाएं और एलर्जी से निजात पाएं !
  • नीम चढी गिलोय के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटकर इसका रस हरिद्रा खंड चूर्ण के साथ 1.5 से तीन ग्राम नियमित प्रयोग पुरानी से पुरानी एलर्जी में रामबाण औषधि है।
  • गुनगुने निम्बू पानी का प्रात:काल नियमित प्रयोग शरीर सें विटामिन-सी की मात्रा की पूर्ति कर एलर्जी के कारण होने वाले नजला-जुखाम जैसे लक्षणों को दूर करता है।
  • अदरक,काली मिर्च,तुलसी के चार पत्ते ,लौंग एवं मिश्री को मिलाकर बनायी गयी 'हर्बल चायÓ एलर्जी से निजात दिलाती है।
  • बरसात के मौसम में होनेवाले विषाणु (वायरस)संक्रमण के कारण 'फ्लूÓ जनित लक्षणों को नियमित ताजे चार नीम के पत्तों को चबा कर दूर किया जा सकता है।
  • आयुर्वेदिक दवाई 'सितोपलादि चूर्णÓ एलर्जी के रोगियों में चमत्कारिक प्रभाव दर्शाती है।
  • नमक पानी से 'कुंजल क्रियाÓ एवं 'नेती क्रियाÓ कफ दोष को बाहर निकालकर पुराने से पुराने एलर्जी को दूर कने में मददगार होती है।
  • पंचकर्म की प्रक्रिया 'नस्यÓ का चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग 'एलर्जीÓ से बचाव ही नहीं इसकी सफल चिकित्सा है।
  • प्राणायाम में 'कपालभातीÓ का नियमित प्रयोग एलर्जी से मुक्ति का सरल उपाय है।

कुछ सावधानियां जिन्हें अपनाकर आप एलर्जी से खुद को दूर रख सकते हैं -

  • धूल,धुआं एवं फूलों के परागकण आदि के संपर्क से बचाव।
  • अत्यधिक ठंडी एवं गर्म चीजों के सेवन से बचना।
  • कुछ आधुनिक दवाओं जैसे: एस्पिरीन, निमासूलाइड आदि का सेवन सावधानी से करना।
  • खटाई एवं अचार के नियमित सेवन से बचना।

हल्दी से बनी आयुर्वेदिक औषधि

हरिद्रा खंड के सेवन से शीतपित्त, खुजली, एलर्जी और चर्म रोग नष्ट होकर देह में सुन्दरता आ जाती है। बाज़ार में यह ओषधि सूखे चूर्ण के रूप में मिलती है। इसे खाने के लिए मीठे दूध का प्रयोग अच्छा होता है। परन्तु शास्त्र विधि में इसको निम्न  प्रकार से घर पर बना कर खाया जाये तो अधिक गुणकारी रहता है। बाज़ार में इस विधि से बना कर चूँकि  अधिक दिन तक नहीं रखा जा सकता, इसलिए नहीं मिलता है। घर पर बनी इस विधि बना हरिद्रा  खंड अधिक गुणकारी और स्वादिष्ट होता है। मेरा अनुभव है कि कई सालो से चलती आ रही एलर्जी, या स्किन में अचानक उठने वाले चकत्ते, खुजली इसके दो तीन माह के सेवन से हमेशा के लिए ठीक हो जाती है। इस प्रकार के रोगियों को यह बनवा कर जरुर खाना चाहिए और अपने मित्रो को भी बताना चाहिए। यह हानि रहित निरापद बच्चे बूढ़े सभी को खा सकने योग्य है। जो नहीं बना सकते वे या शुगर के मरीज, कुछ कम गुणकारी, चूर्ण रूप में जो की बाज़ार में उपलब्ध है का सेवन कर सकते है।

हरिद्रा खंड निर्माण विधि

सामग्री : हरिद्रा-320 ग्राम, गाय का घी- 240 ग्राम,दूध- 5 किलो, शक्कर-2 किलो, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, तेजपत्र, छोटी इलायची, दालचीनी, वायविडंग, निशोथ, हरड, बहेड़ा, आंवले, नागकेशर, नागरमोथा, और लोह भस्म, प्रत्येक 40-40 ग्राम (यह सभी आयुर्वेदिक औषधि विक्रेताओ से मिल जाएँगी)।  आप यदि अधिक नहीं बनाना चाहते तो हर वस्तु अनुपात रूप से कम की जा सकती है।
(यदि हल्दी ताजी मिल सके तो 1किलो 250 ग्राम लेकर  छीलकर मिक्सर पीस कर काम में लें।)
बनाने की विधि- हल्दी को दूध में मिलाकार खोया या मावा बनाये, इस खोये को घी डालकर  धीमी आंच पर भूने, भुनने के बाद इसमें शक्कर मिलाये। शक्कर गलने पर शेष औषधियों का कपड़े से छान कर बारीक़ चूर्ण मिला देवे। अच्छी तरह से पक जाने पर चक्की या लड्डू बना लें।
सेवन की मात्रा- 20-25 ग्राम दो बार दूध के साथ।
(बाजार में मिलने वाला हरिद्रखंड चूर्ण के रूप में मिलता हे इसमें घी और दूध नहीं होता शकर कम या नहीं होती अत: खाने की मात्रा भी कम 3से 5 ग्राम दो बार रहेगी।)