Sunday 25 December 2016

कामकाजी पिता से अच्छे और सफल पिता बनने के नियम


कामकाजी पिता से अच्छे और सफल पिता बनने के नियम

विश्व समाज में अकसर ये पाया जाता रहा है कि महिलाएं ऑफिस और घर में पुरुषों की अपेक्षा बेहतर संतुलन बनाए रखने में कामयाब रहती है। अकसर देखा गया है कि महिलाएं ममता के साथ बच्चों को पालन करने के साथ-साथ ऑफिस में काम करते हुए जादुई क्षमता का प्रदर्शन करती है। घर और ऑफिस में संतुलन बनाने के कारण ही माताएं बच्चे के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।


हमेशा एक बच्चे के विकास में एक माता और पिता दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इस सत्य से कोई इनकार नही कर सकता है लेकिन वास्तविकता इसके उल्ट है। समाज में बहुत कम पिता है जो काम करते हुए बच्चों का पालन पोषण प्यार से कर सके। समाज के अधिकतर घरों में पाया जाता है कि ऑफिस से घर आने के बाद ज्यादातर पिता बच्चों को डाटने का काम करते है या फिर उनकी बात सुने बिना ही उन्हें चुप करा कर उनकी माताओं के पास भेज देते है इसी कारण पिता और बच्चे की बीच दूरी बढती जाती है और उनके बड़े होने तक पाया गया है पिता और पुत्र में सवांद का रिश्ता ही लगभग खत्म हो जाता है। बच्चे पिता से बात करने में या फिर कुछ मांगने में सकोंच करने लगते है। वह हमेशा पिता से बात करने में अपनी माँ की मदद लेने लग जाते है। हम कुछ ऐसे उपयोगी टिप्स लाये है जिनकी मदद से कामकाजी पिता बिना परेशान हुए अपने और बच्चे के बीच में सवांद का रिश्ता हमेशा कायम रख सकते है और साथ में अपने अनुभवों को प्यार से अपने बच्चो के बीच बांट सकते है जो उसके जीवन में पग-पग उसका मार्गदर्शन कर सकते है।


कामकाजी पिता से प्यारे पिता बनने के नियम :





बच्चे के साथ भोजन करें : बच्चे के साथ दिन में एक बार भोजन करना कोई मुश्किल काम नही है। आप बच्चे के साथ रोजाना ब्रेकफास्ट या डिनर कर सकते है। पिता और पुत्र दोनों के साथ भोजन करने से दोनों के बीच सवांद और चर्चा का रिश्ता कायम रहता है। अगर आपके लिए कुछ संभव ना हो तो आप बच्चे के साथ रोजाना एक कप चाय, कॉफ़ी या दूध का सेवन तो कर ही सकते है।




प्राथमिकता में थोडा बदलाव लाए
 : हमें भी और आपके परिवार के हर सदस्य को ये पता है कि शादी के बाद से ही आप का ध्यान काम पर ही केन्द्रित रहा है। अब वक़्त आ गया है कि आप वर्क मोड से बाहर आकर अपनी प्राथमिकता में बदलाव करते हुए थोडा बहुत ध्यान परिवार और बच्चों पर भी केन्द्रित करें।




घर को ऑफिस ना बनाएं 
: जीवन में एक सूत्र हमेशा याद रखिए ऑफिस का काम कभी न खत्म वाली एक प्रक्रिया है। आपके और परिवार के लिए भी यही अच्छा होगा कि आप अपने घर को घर ही रहने दे ऑफिस ना बनाए इसलिए संभव हो तो आप ऑफिस को घर पर ना ही लाएं ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि ऑफिस से सिर्फ काम अकेला घर नही आता है उसके साथ ऑफिस का तनाव भी आपके घर में प्रवेश करता है। घर पर पत्नी और बच्चों के बीच नित्य प्रतिदिन काम करना आसान नही होता है और अगर आप प्रतिदिन ऑफिस का काम घर ले आते है तो घर का वातावरण चिडचिडा होने लगता है।



हॉलिडे एन्जॉय करें : बच्चे होने के बाद अकसर पाया गया है कि पुरुष खुद को काम में डूबो लेते है और उनका हर हॉलिडे काम करते हुए बीत जाता है या फिर सोते हुए या तो ऑफिस की पार्टीयों में ही बीजी रहते है। अगर आप भी ऐसा कुछ करते है अच्छे पिता बनने के लिए बहुत जरूरी है कि आप छुट्टियों का पूरा लुत्फ़ ले। हॉलिडे एन्जॉय करने के लिए आप बच्चों को लेकर प्रियजनों के घर ले जा सकते है। इसके अलावा आप बच्चों के साथ कोई सपोर्ट या गेम खेल कर या बाहर पिकनिक की योजना बना कर हॉलिडे के पुरे दिन का आनंद बच्चों के साथ ले। 



स्विच ऑफ मोड चुने : काम से लौटने के बाद आप अपने ऑफिस के फोन को और बच्चे के कंप्यूटर गेम या फिर टीवी की बटन को स्विचऑफ कर दे। आप घर आने के बाद बच्चे के साथ स्कूल प्रोजेक्ट में मदद कर सकते है या फिर उसके फ्रेंड्स और स्कूल की छोटी-छोटी बातों की जानकारी ले कर अपने बचपन और स्कूल के दिन भी सांझे कर सकते है ऐसा करने से बच्चे और आपके बीच प्यार तो बढेगा ही साथ में उसमे गजब का आत्मविश्वास भी पैदा होगा।



बिस्तर पर जिम्मेदारी ले
 : बच्चे के साथ बिस्तर पर वक़्त व्यतीत करना महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक होता है लेकिन अधिकतर पिता बच्चें को सुलाने या कहानी सुनाने की जिम्मेदारी माताओं पर छोड़ देते है। रात को सोते समय आप जो भी शिक्षा अपने बच्चे को देते उसकी स्मृति उसके दिमाग पर जीवन भर बनी रहती है इसलिए निश्चित ही आपको बच्चे के साथ बिस्तर पर कुछ समय जरुर बिताना चाहिए।


बच्चे और पैसे कमाने के लिए ऑफिस वर्क दोनों ही जीवन के अभिन्न अंग है इसलिए दोनों में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। आप अपने बच्चे के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और खोया हुआ समय कभी वापस नही आता है इसलिए पल-पल गुजरते वक्त को अपने हाथ से ऐसे ही ना फिसलने दे।

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