मुँह की दुर्गध :
मुँह की दुर्गध एक आम समस्या है । इसके कारण वयक्ति को समाज में शर्मिदगी का सामना करना पड़ता है । आखिर स्वयं को मुँह की दुर्गंध का पता कैसा लगे ? यह जानने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते है ।
1) एक हाथ से अपनी जीभ को थोडा बाहर खिचे और दूसरे हाथ से एक रुई के फाहे को जीभ के पिछले भाग पर रगड़ें । कुछ मिनट रुकें और फिर उस रुई को सूंघे यदि उसमें दुर्गध है तो वह आपको साँस की दुर्गध के कारण है ।
2)अदि आपके मुँह का स्वाद अकसर ख़राब रहता है तो वह भी दुर्गध का एक संकेत है ।
3)अपने किसी मित्र या सबंधी से सच -सच बताने को कहें की आपके मुँह से दुर्गध आती है या नहीं । हो सकता है की सच्चाई कड़वी हो परंतु उसका पता चलने पर कोई उपाय तो कर सकते हैं ।
4) प्रत्येक भोजन के पश्चात टूथब्रश से दांतों मसूढ़ों और जीभ को अच्छी तरह साफ़ करें ।
5) कुस खाने के बाद यदी ब्रस करना संभव न हो पाए तो कम से कम पानी से अच्छी तरह कुल्ला तो जरूर करें ताकि दाँतो और मसुढो में फँसे भोजन के कण निकल जाएँ ।
6) अधिकाधिक तरल पदार्थो विशेषक पानी का सेवन करें ताकि मुँह में वांछित नमी बनि रहे ।
7) धूम्रपान न करें । अधिकतम लोग यह तो जानते है कि धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है । उनमे से एक मुँह की दुर्गध भी है अंत:इससे छुटकारा पाना है तो पहले इस आदत को छोड़े ।
8) दुर्गध अगर पुरानी है तो घर से बहार निकलते समय मुख में एक इलायची तथा दो लौंग रखकर धीरे_धीर चबाएँ ।
9) यदि दुर्गध लगातार आती है तो प्रात: शोच के बाद नीम की पाँच तथा तुलसी के तीन पतियाँ मिलाकर उसमें काला नमक रखकर पान की तरह चबाया करें ।
10) सबसे अहम् बात यह है क़ि हर समय कुस भी खाने की आदत बदल दें या छोड दें । कुछ भी खाने के बाद मुख सुद्धि अवश्य करे । मुहँ की दुर्गघ् फिर भी बनि रहे तो किसी अच्छे दंत चिकित्सक से परामर्स लेना चाहिए क्योकि मुँह को सरीर का द्वार कहा गया है अगर यही साफ नहीं रहेगा तो इसके रास्ते सरीर में अनेको बीमारियाँ प्रवेश कर जाएँगी और आपको पता भी नहीं चलेगा ।